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दो दिन का जग में मेला – Do din ka jag ka mela kabir Das Ji

Kabir Das ji Shabd or Vani in hindi

कबीर दास के शब्द 

दो दिन का जग में मेला, सब चला चली का खेला।।
कोन्या चला गया कोए जावै, कोय गठड़ी बांध सिधावै।
कोए खड़ा तैयार अकेला।।
कर पाप कपट छल माया, धन लाख करोड़ कमाया।
संग चले ना एक अधेला।।
सुत नार मात पितु भाई, कोय अंत सहायक नाही।
क्यूँ भरे पाप का ठेला।।
ये नश्वर सब सँसारा कर भज पृभु का प्यारा।
कह ब्रह्मानन्द सुन चेला।।
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