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bhai tera chola ratan amola vartha khove matna

kabir

Kabir ke Shabd

भाई तेरा चोला रत्न अमोला, वृथा खोवै मतना।।
भाई तनै देह मिली सै नर की, भक्ति करले न ईश्वर की।
शुद्ध बुद्ध भूल गया उस घर की, नींद में सोवै मतना।।
भाई तेरी पिछले जन्म की करनी इब तनै सारी होगी भरनी।
तूँ ले ऋषियों की सरणी, नींद में सोवै मतना।।
भाई ये ऋषि मुनि फक्कड़ में, ओर सब माया के चक्कर मे।
किस्ती आन लगी टक्कर में, इसे डुबोवै मतना।।
बदरी बांध कमर हो तगड़ा, सीधा पड़ा मुक्त का दगड़ा।
लाले राम नाम का रगड़ा, झगड़ा झोवै मतना।।
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