‘यज्ञोपवीत’ शब्द का क्या अर्थ है?
उचित रूप से वर्णन करें?
यज्ञ +उपवी ने यज्ञोपवीत,
अर्थात् जिसे यज्ञ करने का पूर्ण रूप से अधिकार प्राप्त हो जाए। यज्ञोपवीत (जनेऊ) धारण किए बिना किसी को गायत्री जप अथवा वेद पाठ का अधिकार प्राप्त नहीं होता।
What does the word Yajnopaveet mean? Describe Appropriately? |
यज्ञोपवीत के तीन धागों तथा छः धागों का क्या तात्पर्य है?
तीन धागों वाला यज्ञोपवीत वेदत्रयी ऋ्ग यजु तथा साम की रक्षा करता है। तीनों लोकों भू. भुवः और स्व: को भी निर्देशित करता है। त्रिदेव-ब्रह्मा, विष्णु और महेश यज्ञोपवीत धारण करने व्यक्ति से प्रसन्न रहते हैं। यह तीन सूत्रों वाला यज्ञोपवीत ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य में सत्य. रज और तम इन तीनों गुणों की सगुणात्मक वृद्धि। धार्मिक व्याख्या के अतिरिक्त यज्ञोपवीत के तीन सूत्रों में प्रथम सूत्र संयमित जीव जीने का संदेश देता है। दूसरा सूत्र माता के प्रति कर्तव्य की भावना और तीसरा सूत्र पिता के प्रति कर्तव्य भावना का बोध कराता है। छः सूत्रों वाले यज्ञोपवीत में तीन सूत्र का उपरोक्त अर्थ समझें चौथे सूत्र से पत्नी के प्रति समर्पण, पांचवें का सासू के प्रति कर्तव्य पालन और छठा सूत्र ससुर के प्रति कर्तव्य पालन का स्मरण कराता है।
आखिर क्यों ?