प्रयत्न
एक राजा युद्ध में कई बार हार जाने के कारण चिन्तामग्न होकर वनों में एक वृक्ष के नीचे बैठा था। अचानक उसकी
दृष्टि एक मकड़ी पर पड़ी जो बार-बार अपना घागा फेंक रही थी परन्तु वह टूट जाता था। सातवीं बार वह अपने प्रयल में सफल ही।
यह देखकर राजा का भी होंसला बढ़ गया और सोचने लगा कि यह मकड़ी छः बार अपने प्रयल में असफल रहने पर भी प्रयत्न करती री ओर अपने प्रयास में सातवीं बार सफल रही। में एक पुरुष होकर भी हिम्मत छोड़ बैठा हूँ। राजा के मन में वह विश्वास उभर गया ओर फिर से अपनी सेना लेकर युद्ध करने निकल पड़ा। अबकी बार युद्ध में उसको सफलता प्राप्त हुई।