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परीक्षण – सफलता के पथ पर आवश्यकता

परीक्षण

राजा ने उससे पानी का प्रबन्ध करने को कहा और बेहोश होकर जमीन पर गिए पड़ा। वह राजा के लिए पानी लाया।  उसने राजा को पानी पिलाया और राजा का उचित उपचार कर उसे स्वस्थ कर दिया। राजा ने लड़के का नाम पूछकर एक कागज पर लिखा और बोला जब कभी तुम किसी मुसीबत में फंस जा ओ तो इस कागज को लेकर मेरे पास आ जाना।
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घर आकर उस कागज को उसने अपनी माँ को दे दिया और राजा से मुलाकात का सब हाल बता दिया। कुछ दिनों बाद मदन गडरिये के यहाँ चोरी हो गई, जिसके कारण उनकी आधिक स्थिति खराब हो गई | तब वह अपनी माँ से राजा का दिया हुआ कागज लेकर राजा से मिलने चल दिया। जैसे ही राजमहल के द्वार पर पहुँचा तो नौकरों ने उसे अन्दर जाने से रोक दिया। तब उसने राजा के पत्र को उन्हें दिखाया तो नौकरों ने राजा को सब समाचार दिये।
राजा स्वयं चलकर बालक के पास आया और उसे अपने गले से लिपटा लिया। राजा ने बालक से बिना पूछे ही उसके रहने के लिए सुन्दर महल प्रदान कर दिया और उसका खर्च खजाने से उठाने की आज्ञा प्रदान की। वह बच्चा काफी बुद्धिमान था। उसने सोचा कि यह देखना चाहिए कि धनवान व्यक्ति केवल धन से ही प्रेम रखते हैं या सच्चा अहसान भी मानते हैं।
एक दिन गडरिये के बेटे ने राजकुमार को अपने महल में बन्द कर लिया। राज्य में चारों ओर राजकुमार की खोज प्रारम्भ हो गई। तीन चार दिन बाद वह राजकुमार के गहने लेकर एक॑ सर्राफ की दुकान पर पहुँचा । सर्राफ ने आभूषणों को पहिचान कर गडरिये के बेटे को गिरफ्तार करा दिया। राजा ने उससे पूछा – राजकुमार कहाँ है?
उसने उत्तर दिया कि मुझे रुपयों की आवश्यकता होने के कारण मेंने उसका वध कर दिया है। । राज्य के सभी राजकर्मचारी बोले – इसे इसके बदले में फॉसी दी जानी चाहिए।
परन्तु राजा को उसके उपकार का पता था कि इसने मेरी रक्षा की थी। इसका मूल्य केवल इतना ही नहीं कि मैं इसे अच्छी जगह रहने के लिए प्रदान कर दूँ तथा थोड़ा सा रुपया दू
राजा ने मंत्रियों को बताया कि इसे दण्ड नहीं दिया जायेगा क्योंकि इसने मेरी जान की रक्षा की थी।  राजा का यह निर्णय सुनकर वह बहुत प्रसन्न हुआ और राजकुमार को राजा के सामने उपस्थित कर दिया तथा बोला मैं तो आपकी परीक्षा ले रहा था।  यह देखकर राजा व सभी राज्य कर्मचारी बहुत खुश हुए।
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