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खारा अमृत

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खारा अमृत 

सेठानी के कहने पर कि पंडितजी बड़े योग्य हैं, काशी से पधारे हैं, इनकी कथा में बड़ा रस आता है, सेठजी कथा सुनने को चले गये।  परन्तु कथा में मन न लगने के कारण सेठ जी को नींद आ गईं। कुछ देर बाद एक कुत्ता आया और सेठजी के मुख पर पेशाब करके चला गया।
सेठजी को मुँह में पानी सा मालूम पड़ा तो उन्होंने समझा कि कथा का रस आ रहा है। कथा जब समाप्त हुईं तो लोग कहने लगे कि आज तो कथा में बड़ा अमृत रस की वर्षा हुई थी। सेठजी बोले–हाँ, हाँ। हमने भी उसे चखा था, परन्तु वह खारा था।
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One Comment

  1. Zeytinburnu Nakliye

    October 26, 2023 at 8:00 pm

    Thanks for one’s marvelous posting! I truly enjoyed reading it, you happen to be a great author.I will ensure that I bookmark your
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    your great work, have a nice holiday weekend!

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