मानव, मनुष्य, पुरुष, आदमी और इन्सान के इतने नाम -आखिर क्यों ?
Man,Manushye, Purush, Aadmi, Insaan so many names- Why? |
मानव, मनुष्य, पुरुष, आदमी और इन्सान। इन सभी का मतलब एक ही होता है फिर भी अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग रूप में प्रयोग किया जाता है। ऐसा क्यों?
ऊपर लिखे शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची हैं, किन्तु इनके अन्दर जो गूढ़ अर्थ छिपा है, उन सभी का अर्थ भाव अलग है। महर्षि मनु की सन्तान को ‘मानव’ कहे गये। आवम की सन्तान ‘आदमी’ कहलाये।
जिसमें इन्सानियत होती है उसे ‘इंसान’ कहते हैं। जिसने अपना जयवितत्व स्वयं बनाया उसे व्यक्ति तथा जिसमें पुरुषा्थ करने की क्षमता है वह ‘पुरुष’ कहलाया। तात्पर्य यह कि एक होकर भी अनेक नाम से पुकारे जाते हैं।