लिखित प्रमाण मिलता है कि भगवान श्रीराम बारह कलाओं से युक्त होकर अवतरित हुए थे और श्रीकृष्ण जी सोलह कलाओं से युक्त होकर। यह कलाओं का क्या चक्कर है ? क्या भगवान छोटे-बड़े होते हैं ?
श्री राम जी ने अपने अवतार में भगवान जैसा रूप नहीं दर्शाया है बल्कि उन्होंने मानव के लिए आदर्श प्रस्तुत किया है इसीलिए उन्हें पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचत्द्र जी कहते हैं। पुरुषोत्तम शब्द दो शब्दों को जोड़ने से बना है। (पुरुष-उत्तम) अर्थात् पुरुषोत्तम, जो पुरुषों में उत्तम आदर्श प्रस्तुत करे वही पुरुषोत्तम कहलाता है, किन्तु श्री कृष्णचन्द्र जी अवतार ग्रहण करते ही अपना दैवीय रूप प्रस्तुत करने लगे। जैसे उनके जन्म लेते ही देवकी और वासुदेव की इथकड़ियां स्वत: खुल गयीं| पहरेदार आदि सो गये।
Written proof is found that Lord Shri Ram was incarnated with twelve arts and Shri Krishna with sixteen arts. What is the matter of this arts? Is God big or small? |
श्री रामचन्द्र जी को विष्णु का अवतार मान लिया जाए तो उसी काल में परशुराम श्री विष्णु के अवतार के रूप में अवतरित हुए और सीता स्वयंवर में उनके मध्य वार्ता भी हुई। भगवान विष्णु का एक समय में दो रूपों में अवतार कैसे हुआ? श्रीराम और परशुराम जी का एक ही समय में अवतरित होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। एक प्रसंग अपने महाभारत काल का सुना या पढ़ा होगा कि जब युधिष्ठिर की ओर से भगवान श्रीकृष्ण शांति स्थापना हेतु दूत बनकर गये तो अभिमानवश दुर्योधन का आदेश पाकर जब सारे दरबारी श्रीकृष्ण को पकड़ने दौड़े तो उन्हें अनेकों कृष्ण दिखाई देने लगे। उसी तरह एक साथ भगवान के एक दो नहीं बल्कि आवश्यकतानुसार अनेकों अवतार हो सकते हैं।