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कैसे काम वासना पर विजय पायें – How to conquer lust

कैसे काम वासना पर विजय पायें

क्या आप किसी खास व्यक्ति के लिए या बहुत सारे लोगों के लिए मन में काम-वासना की भावना रखते हैं और इस भावना पर नियंत्रण पाने में असमर्थ महसूस करते हैं? आपको अपनी काम-भावना पर विजय पाना है या नहीं, ये आपकी व्यक्तिगत इच्छा पर निर्भर है, क्योंकि ऐसा करना ना ही आपके ऊपर थोपा जा सकता है, ना ही आप एकदम से ऐसी भावना मन में आने से रोक सकते हैं | ऐसा करने की बजाय आपको ऐसा परिणाम पाने के लिए प्रयत्न करना होगा जिससे काम-भावना से ओतप्रोत विचार आपके मन में आयें तो आप अपना ध्यान किसी और तरफ केन्द्रित कर सकें, या उन विचारों की जगह आप अन्य प्रकार के विचारों को अपने मन में ला सकें, या आप इन विचारों को थोड़ा नियंत्रित कर सकें | यहाँ कुछ ऐसे तरीके दिए गए हैं जो शायद आपके लिए उपयोगी हैं |

lust

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काम भोग की लालसा को बढ़ावा ना दें: ऐसी चीजों को पाने की इच्छा पर नियंत्रण करें जो आपको कामातुर बनाती हैं | इस बात का मुख्य रूप से ये मतलब है कि आप अश्लील साहित्य, फोटो, और विडियो (pornography) से दूर रहें मतलब ऐसी चीजों की लालसा को नियंत्रित करें | इस बात का मतलब यह भी है कि पोर्नोग्राफी के अलावा आप ऐसी अश्लील फ़िल्में भी देखने ना जाएँ जो आपको कामातुर बनायें और ड्राइव करते हुए किसी भी हाईवे के कुछ खास हिस्सों से ना गुजरें जहाँ कोई अश्लील दृश्य दिखने की संभावना हो | हालाँकि ऐसा करना आपको मुश्किल मालूम होगा, लेकिन याद रखें कि कामातुर होना भी अन्य बुरी आदतों की तरह ही एक आदत है जिसपर काबू पाना संभव है | आप सख्ती के साथ अपनी इस बुराई से निपटें!

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अपनेआप के साथ-साथ दूसरों का भी आदर करना सीखें: हर दिन आप दूसरों के साथ जिस तरह का रिश्ता निभाते हैं वो अगर आप काम-भावना के आधार पर निर्धारित कर रहे हैं तो इसका मतलब है आप खुद के साथ पूरी तरह से जुड़े हुए नहीं हैं | आप अपने दिमाग और व्यक्तित्व की प्रेरणा से अपने व्यवहार को नियंत्रित करने की बजाय अपनी शारीरिक इच्छाओं के आधार पर ही यह निर्धारित कर रहे हैं कि आप कौन हैं और आपको किस तरह का व्यवहार करना है | इसी तरह अगर आप दूसरों को हमेशा काम-भावना से प्रेरित होकर देखते हैं तो आप दूसरों का आदर नहीं कर पाते हैं | अगर सचमुच आपके मन में लोगों के प्रति कुछ भी अच्छी भावनाएं हैं तो आप अपनी वासना की भावना का विरोध करेंगे और ऐसी भावनाओं पर काबू करके दूसरों के लिए और खुद के लिए जो सही है वो करने की कोशिश करेंगे |

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नशीले पदार्थों (drugs) और शराब (alcohol) का सेवन ना करें: नशीले पदार्थों और शराब के सेवन से आपकी गलत-सही समझने और संकोच करने की भावना ख़त्म हो जाती है, इसलिए काम-भावना पर नियंत्रण कर पाना आपके लिए ज्यादा मुश्किल हो जाता है | अगर आप इन चीजों का सेवन करते हैं तो ऐसा करना तुरंत बंद कर दें | इससे आपको बहुत लाभ मिलेगा! ड्रग्स और शराब का सेवन अगर आप बंद कर देते हैं तो भी ऐसा नहीं है कि आप दोस्तों के साथ किसी बार में नहीं जा सकते हैं | आप बार में जरूर जाएँ लेकिन अल्कोहल की जगह कोई सॉफ्ट ड्रिंक या एप्पल जूस ले लें | चूँकि सॉफ्ट ड्रिंक और एप्पल जूस दोनों ही अल्कोहल जैसे ही दिखते हैं, इसलिए आप असहज भी महसूस नहीं करेंगे |

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अपनी जरूरतों को समझें: ज्यादातर धार्मिक ग्रंथ भी यही बताते हैं कि काम-भावना स्वभाविक है, इसलिए अगर आपके मन में भी ऐसी भावनाएं उत्पन्न होती हैं तो इसकी वजह से बुरा महसूस ना करें | इन भावनाओं के अस्तित्व को स्वीकारें, क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप मानसिक रूप से बीमार हो सकते हैं और आप ज्यादा कामातुर भी हो सकते हैं | कामेच्छा को स्वीकारें लेकिन ना तो इसे दबाएँ, ना ही एकदम से ऐसी इच्छाओं के अनुसार व्यवहार करना शुरू कर दें |

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वैकल्किप सिद्धांतों पर ध्यान दें: वासना के कई रूप हैं और इसके विषय में कई तरह के दृष्टिकोणों से सोचा जा सकता है | अगर आपकी वासना के कारण किसी को कोई शारीरिक कष्ट होता है तो हाँ, आपकी यह भावना एक समस्या है और इससे आपको निपटना ही चाहिए | लेकिन, आपकी काम-भावना के कारण जो भी कृत्य होते हैं वो दो वयस्कों की सहमती से होते हैं तो यह भावना गलत नहीं है | कामेच्छा एक स्वभाविक इच्छा है और आपके मन में ऐसी भावना के आने के कारण अगर आप परेशान हैं तो ऐसा केवल उन धार्मिक मान्यताओं और उपदेशों के कारण है जो आप अभी तक सुनते, सीखते आये हैं | अगर आप भिन्न धर्मों के उपदेशों को भी सुनें तो हो सकता है आप इस विषय में नए तरीके से सोच सकें |

4की विधि 

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अपना ध्यान कहीं और लगायें

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तैयारी रखें: अगर आप बिना तैयारी के कहीं जाते हैं तो आपको निश्चित रूप से परेशानी होगी | आप इस बात को स्वीकार करें कि आपके मन में वासना की भावना है और जब आप ये जानते हैं कि आप जहाँ जा रहे हैं वहाँ अपने ऐसे ही विचारों के साथ जायेंगे तो इस स्थिति के लिए पहले से तैयार रहें | अपने आप को मानसिक रूप से तैयार रखना और गेम प्लान बना के रखना आधी जंग जीत लेने के समान है |[१]

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अपनी आँखों को इधर-उधर घुमाने की आदत बनायें: जब भी आप किसी ऐसी जगह जाएँ जहाँ आपकी लालसा बहुत बढ़ जाये, तो ऐसी जगह पर होने पर अपनी आँखों को बाउंस करने की आदत बना लें | इसका मतलब है जैसे ही आप कुछ ऐसा देखें जिससे आपके विचार वासनामय होने लगें, आप तुरंत अपनी नजरों को किसी और चीज पर टिका लें | यह एक बहुत आसान सा अभ्यास है लेकिन इससे काफी फायदा होता है |

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किसी शौक पर फोकस करें: दूसरी चीज जो आप कर सकते हैं वो ये है कि कुछ ऐसा करें जो आप काफी एन्जॉय करते हों | जब भी आपको घर पर रहते हुए वासनामय विचार परेशान करें या आप किसी और जगह पर हों पर किसी बाहरी कारक की बजाय आपके आतंरिक विचार ही आपके मन को वासनामय बना दें, तब आप इस बढ़िया ट्रिक को जरूर आजमायें | चूंकि ये विचार कभी भी आपके मन में आ सकते हैं, इसलिए अगर आप कोई ऐसी क्रिया करें जो आप चलते-फिरते कर सकते हों तो आपके लिए ये काफी असरदार उपाय होगा |
डेकोरेटिव ब्रेडिंग सीखें या किसी और क्रिएटिव हॉबी जो कहीं भी, कभी भी सीखने और करने के लिए आसान हो, उसपर ध्यान दें |

आप जितना ज्यादा हो सके उतने पवित्र अक्षर/शब्द याद करने के लिए खुद को चैलेंज कर सकते हैं |
दूसरा तरीका है बिना पैसे लिए कोई ऐच्छिक काम करना मतलब “वालंटियरिंग” करना जिससे लोगों को लाभ हो | ऐसे कमों से ना सिर्फ आपका ध्यान दूसरी तरफ जाएगा बल्कि एक तरह से आप ईश्वर का काम भी करेंगे |

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कोई ऐसा छंद जो आपने याद कर रखा हो उसे बोलकर प्रार्थना करें: अपना ध्यान दूसरी तरफ लगाने का यह भी एक तरीका है कि आप अपने मन में या जोर-जोर से बोलकर किसी ऐसे छंद को दोहरायें जो आपने याद कर रखा हो | ऐसा करने से आपको हमेशा ईश्वर के प्रेम और उसकी कृपा का महत्व समझ में आएगा और आप ईश्वर के बनाये नियमों का भी पालन करेंगे |

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जिन चीजों के कारण आप कामातुर महसूस करते हों उनसे दूर रहें: ज्यादातर लोगों के लिए ऐसी भावनाएं मन में आने का मुख्य कारण पोर्नोग्राफी है | अगर आपको ऐसा लगने लगे कि आप जिन्दगी से जुड़े बहुत सारे जरूरी कामों को नजरअंदाज कर रहे हैं और आपका पोर्नोग्राफी कलेक्शन मिश्र के किसी पिरामिड की तरह बड़ा होता जा रहा है तो समझिये यह आपका ब्रेक लेने का समय है | आप कंप्यूटर पर तस्वीरें ना देख सकें, इसके लिए अपने कंप्यूटर पर कोई फ़िल्टर सेटअप करें |

4की विधि 3:
बातचीत करने के बेहतर तरीके सीखें

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ग्रुप में घूमने-फिरने जाएँ: अगर आप ऐसे किसी व्यक्ति को नजरअंदाज ना कर सकें जिसके लिए आप काम-भावना महसूस कर रहे हों तो उस व्यक्ति से बात करने के लिए आपको कोई सभ्य तरीका अपनाना चाहिए | एक उपाय ये हो सकता है कि जब आप दूसरे लोगों के बीच हों तभी आप इस व्यक्ति के साथ भी समय गुजारें | ऐसा करने से आप ऐसी बातें नहीं कहेंगे या ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जो उचित नहीं है |

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उस व्यक्ति के साथ सुरक्षित स्थानों में समय बिताएं: अगर उस व्यक्ति के साथ ग्रुप में रहते हुए समय बिताने का तरीका आपके लिए काम ना करें तो दूसरा तरीका ये है कि चर्च, मंदिर, या अन्य पवित्र स्थलों में समय साथ बिताएं | ऐसा करने से ईश्वर आपकी रक्षा करेगा और आपका ध्यान ईश्वर पर केन्द्रित होगा और अपने वासनामय विचारों से आप मुक्त हो सकेंगे |

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उस व्यक्ति की आँखों की तरफ देखें: जब आप आँखों पर देखें तब ये सुनिश्चित करें कि आप सिर्फ उनकी आँखों पर ही ध्यान केन्द्रित करें और शरीर के दूसरे हिस्सों की तरफ ना देखें जो आपकी वासना की भावना को भड़काते हैं | आँखों को आत्मा तक पहुँचने की खिड़की कहा जाता है, इसलिए उनकी आत्मा तक पहुँचने के लिए सिर्फ आँखों पर ध्यान केंद्रित करें | ऐसा करने से आपके मन में उनके प्रति आदर की भावना आएगी और आपको ये भी याद आएगा कि उनके साथ कैसा व्यवहार करने से ईश्वर आपसे खुश होगा |

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मित्रतापूर्ण क्रियाकलापों में भाग लें: उनके साथ केवल ऐसे क्रियाकलापों में शामिल हो जिनमे एक-दूसरे का सम्मान करनेवाले मित्र सम्मिलित हो सकते हैं | ऐसे क्रियाकलाप ना करें जो डेट पर जाने पर किये जाते हैं | आप जिस भी परिस्थिति में हैं उस पर गौर करें और सोचे कि ऐसे में आपकी दादी या नानी आपको क्या करने की सलाह देती | अगर वो आपको अपनी भावनाओं के अनुसार क्रियाकलाप करने की अनुमति देती तो शायद आप अपने मन की कर सकते हैं |

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उनको छुए नहीं: अगर आप उनके शरीर के सामान्य हिस्सों जैसे हाथ, कंधों इत्यादि, को छूते हैं तो भी आपके वासनामय विचार और भी बढ़ सकते हैं | इसलिए आप उन्हें बिलकुल ही ना छुएं | ऐसा करने से आपको काफी मदद मिलेगी |

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जिनकी तरफ आप आकर्षित हैं उनके साथ वो करें जो उचित है: अगर आप अपने बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड के आसपास रहने पर अपने व्यवहार को ठीक रखने में असमर्थ हों तो आपको उनसे शादी कर लेनी चाहिए | हो सकता है आपके लिए ईश्वर की भी यही मर्जी हो और शादी कर लेने से आप उनके प्रति अपनी भावनाओं के अनुसार क्रियाकलाप कर सकेंगे जिससे दोनों को ख़ुशी मिलेगी |[२]
हमेशा इस बात को ध्यान में रखें कि आपको ऐसे व्यक्ति से शादी करनी चाहिए जो अध्यात्मिक, शारीरिक, और मानसिक, हर तरह से आपके लिए सही मैच हो, और इसके साथ-साथ ये भी जरूरी है कि आप एक-दूसरे से गहरा प्रेम करते हों और शादी के लिए तैयार हों | अगर आप अपने रिश्ते को इस हद तक ले जाने के लिए तैयार नहीं हों तो इसका मतलब ये है कि शायद आपके बीच शारीरिक संबंध भी उचित नहीं है |
इस बात को बिलकुल सही नहीं माना जा सकता कि आप सिर्फ इसलिए शादी करें ताकि आपको अपनी काम-भावनाओं की तुष्टि का एक साधन मिल जाए | शादी एक ऐसा बंधन है जिसमे आप जिससे शादी कर रहे हैं उसके प्रति ईमानदार रहने के लिए और उसका ख्याल रखने के लिए आप वचनबद्ध हो जाते हैं | इसलिए शादी का निर्णय काफी सोच-समझकर लें |

4की विधि 4:

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इस बात को स्वीकारें कि आपको मदद की जरूरत है: अगर आपके पास शादी का आप्शन नहीं है और काम-भावना पर विजय पाने के दूसरे तरीके भी आपके लिए काम नहीं कर रहे हैं तो आपको ये स्वीकारना ही पड़ेगा कि आपको मदद की जरूरत है | आपने शायद ये सुना होगा: “इस बात को स्वीकार कर लेना कि आपको कोई प्रॉब्लम है, प्रॉब्लम को फिक्स करने का पहला स्टेप है” |

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अपने अध्यात्मिक सलाहकार से बात करें: अपने किसी लोकल पुजारी, उपदेशक, इमाम, रब्बी, या किसी अन्य अध्यात्मिक सलाहकार से बात करें | वो आपको नेक सलाह दे सकेंगे और आपको सही राह भी दिखायेंगे | इन लोगों का काम ही लोगों को सही राह दिखाना होता है! इसलिए आप संकोच ना करें: ये लोग इस तरह की समस्याओं से निपटने की ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके होते हैं और ये भी जानते हैं कि ऐसी समस्याओं से सिर्फ सामान्य लोग ही ग्रसित नहीं होते हैं बल्कि जो ईश्वर के प्रति सबसे ज्यादा समर्पित और ईमानदार व्यक्ति है, वह भी ऐसी समस्याओं से ग्रसित हो सकता है |

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अपने आप को अलग करें: अपनेआप को आप काम-भावना भड़काने वाली चीजों या आकर्षित करनेवाले लोगों से जितना दूर कर सकें आपके लिए उतना ही अच्छा है | पुरुष इसके लिए मिलिट्री ज्वाइन कर सकते हैं | महिलायें/लड़कियां ऐसे स्कूल/कॉलेज को ज्वाइन कर सकती हैं जो सिर्फ महिलाओं/लड़कियों के लिए हों | आपका परिवार आपको जरूर सपोर्ट करेगा और आपके निर्णय को स्वीकार करेगा | जबतक आप अपने वासनामय विचारों पर काबू पाना सीख ना लें, तबतक अपने ही जेंडर के लोगों के साथ रहना आपके लिए सही होगा |

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वासना के कारण आपको जिस-जिस प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है वो याद रखें: अगर आप अपने वासनामय विचारों के अनुसार व्यवहार करते हैं तो आप अपने गलत व्यवहार के हिसाब से दंड भोगने के अधिकारी भी बनते हैं | अगर आप संयम से काम नहीं ले पाते हैं तो सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीजेज (STDs), सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन्स (STIs), अवांछित गर्भधारण, या अन्य प्रकार का दंड आपको भुगतना पड़ सकता है | इसलिए सावधान रहें और समझदार व्यक्ति की तरह व्यवहार करें!

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मदद के लिए भगवान से प्रार्थना करें: इन अवांछित भावनाओं से अपनेआप को बचाने की शक्ति प्राप्त करने के लिए आपको ईश्वर की शरण में जाना चाहिए | ईश्वर आपकी मदद जरूर करेगा | वह जिस रूप में मदद भेजेगा उसे समझने के लिए आपको अपने दिल और दिमाग को साफ़ और सक्रीय रखना पड़ेगा | हालाँकि कभी-कभी आपको ये मुश्किल लगेगा लेकिन अगर आप अपने परिवार के लोगों, दोस्तों, और अध्यात्मिक सलाहकारों की मदद लें तो आपकी समस्या सुलझ सकती है |

सलाह

आपको डिलेड ग्रैटीफिकेशन का अभ्यास करना चाहिए जिसका मतलब है ऐसे विचार रखना और ऐसे कामों पर ध्यान देना जिनसे देर से लेकिन बेहतर परिणाम मिलें | काम-वासना इससे बिलकुल विपरीत तरह की भावना है जिससे आप शीघ्र ऐसा व्यवहार करने के लिए प्रेरित हो जाते हैं जिससे आप अपनी कामेच्छा को संतुष्ट कर सकें | कोई भी व्यक्ति अगर डिलेड ग्रैटीफिकेशन में अभ्यस्त है तो इससे वो जीवन के हर क्षेत्र में लाभ प्राप्त करता है, जैसे भावनात्मक, आर्थिक, नौकरी और व्यवसाय इत्यादि में, और यहाँ तक कि प्रेम के क्षेत्र में भी इसका लाभ मिलता है |
अगर लोगों के किसी ग्रुप में होते हुए या गर्मी से भरे किसी दिन में गली में टहलते हुए खुले/छोटे कपड़े पहने हुए लोगों को देखकर आपको वासनामय विचारों से जूझना पड़ रहा हो तो आपके लिए ये आसान सा अभ्यास है: हर व्यक्ति की तरफ 2 सेकंड के लिए देखें – आपको इस बात से फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि कौन कैसा दिखता है | इसके बाद अपनी आँखों को लोगों की तरफ से हटाकर किसी और चीज पर टिका दें | इस अभ्यास से आपको ये समझ में आएगा कि हर व्यक्ति की आत्मा और महत्व बराबर ही है | ऐसा आप तब भी कर सकते हैं जब आप नेट पर फेसबुक सर्फ कर रहे हों: न्यूज़ फीड के हर प्रोफाइल पिक्चर पर 2 सेकंड के लिए नजर घुमाएं | ऐसा आज ही करके देखें!

चेतावनी

अगर आपकी वासना आपको दुखी कर देती है तो आपको स्थिति में सुधार लाने के लिए कोई कदम तो जरूर उठाना पड़ेगा | लेकिन अगर आपकी काम-भावना किसी और को दुखी करती हो तो आप ऐसा सोच सकते हैं कि आप क्या सोचते हैं वो आपकी समस्या है दूसरों की नहीं | आप अच्छा या बुरा जो भी सोचते हैं, उसके लिए आपको ईश्वर के अलावा किसी और को सफाई देने की कोई जरूरत नहीं है |

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