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अनन्य निष्ठा-Exclusive loyalty

अनन्य निष्ठा
एक भगवान् भक्त कहीं यात्रा करने निकले थे । पर्वत की एक गुफा के सम्मुख उन्होंने बहुत बडी भीड़ देखी। पता लगा कि गुफा मेँ ऐसे संत रहते हैँ जो वर्ष मेँ केवल एक दिन बाहर निकलते हैं । वे जिसे स्पर्श कर देते हैं उसके सब रोग दूर हो जाते हैं । आज उनके बाहर निकलने का दिन है । रोगियों की भीड वहाँ रोगमुक्त होने की आशा में एकत्र है।
Exclusive Loyality Motivational Quotes & story in hindi
भगवान भगत वहीं रुक गये। निश्चित समय पर संत गुफा में से निकले। सचमुच उन्होंने जिसका स्पर्श किया वह तत्काल रोग मुक्त हो गया। जब सब रोगी लौट रहे थे स्वस्थ होकर तब भक्त ने संत की चादर का कोना पकड़ लिया और बोले-आपने औरों के शारीरिक रोगों को दूर किया है, मेरे मन के रोगों को भी दूर कीजिये।
संत जैसे हड़बड़ा उठे और कहने लगे…छोड़ जल्दी मुझे। परमात्मा देख रहा है कि तूने उसका पल्ला छोडकर दूसरे का पल्ला पकड़ा है। अपनी चादर छुडा कर वे शीघ्रता से गुफा में चले गये।
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