ध्यान करने के फायदे
अच्छी नींद के बाद सुबह की ताजी हवा में गहरी सांस लेने का अभ्यास दिमाग की क्षमता को बढ़ाने का सबसे बढ़िया तरीका है। जब हम ध्यान के माध्यम से अपनी सांसों को नियंत्रित करते हैं तो वास्तव में इससे हमारे मस्तिष्क के आकार में विस्तार होता है। सांसो पर ध्यान केंद्रित करने वाले व्यायाम से मन की बेचैनी अवसाद और तनाव को दूर किया जा सकता है।

अपनी आने जाने वाली श्वास पर ध्यान देना न सिर्फ हमें शारीरिक बल देता है हमे मानसिक विकारों से भी दूर रखता है। हमारे तनाव बेचैनी और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकता है। अच्छा स्वास्थ्य तन और मन में ला सकता है । यदि तनाव की स्थिति में एक या दो मिनट चुपचाप रहा जाए और बैठकर सिर्फ अपनी सांसो पर ध्यान लगाया जाए तो मन की पीडा कम हो जाती है।
गहरी सांस लेने से हमारा नर्वस सिस्टम उत्तेजना प्रेरणा और महत्वाकांक्षा वाली स्थिति से हट्कर आराम और प्राप्ति की स्थिति मे चला जाता है! यदि कोई कलाकार अपने प्रदर्शन से 30 मिनट पहले गहरी सांस लेने का अभ्यास करता है तो उसके प्रदर्शन को लेकर उसका डर काफी हद तक दूर हो जाता है ।
ध्यान बढ़ाता है आत्म विश्वास
कई शोधों में यह प्रमाण भी मिले हैं कि जो लोग नियमित तौर पर मेडिटेशन करते हैं उनमे आत्म विश्वास का स्तर न करने वालों की तुलना में कई ज्यदा होता है यही नहीं इनमें उर्जा और सक्रियता भी ज्यादा देखी गई है! एक रिसर्च के मुताबिक यहां तक कहना है कि ध्यान करने वाले छात्रों का आईक्यू लेवल भी औरों से अधिक देखा गया है!
ध्यान से मन को मिलती है असीम शांति
हर रोज महज कुछ मिनटो के लिए गहरी सांस लेने और छोड़ने का अभ्यास काफी हद तक आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकता है! वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया एक ही गहरी सांस लेने से अधिक शरीर शांत स्थिति में आता है! ऐसा होने पर इसे रक्त वाहिनियों को अस्थाई रूप से खुन पूरे शरीर में नियंत्रित दबाव के साथ पहुंचने में मदद मिलती है!
गहरी सांस लेने से हृदय को ताकत मिलती है और उसकी पंपिंग सुधरती है! विभिन्न शोध और अनुभवो से पता चलता है कि योग प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से सांसो की गति को नियंत्रित करने से हमारी जेनेटिक संरचना में प्रभावी बदलाव होते हैं! जिनमें केवल तन ही नहीं बल्कि हमारे मन के स्तर पर भी परिवर्तन होते हैं!
गहरी सांस से सुधरेगी दिल की सेहत
एक रिसर्च स्टडी में पाया गया कि गहरी सांस लेने वाले प्राणायाम से दिल के दौरे के खतरे को कम किया जा सकता है और दिल की सेहत भी अच्छी रखी जा सकती है! अगर हम कमजोर सांस लेते हैं तो तनाव से मुकाबले मे हमारे शरीर की प्रतिरक्षा भी कमजोर हो जाती है!
यदि तनाव की स्थिति में 1 या 2 मिनट चुपचाप रहा जाए और बैठकर सिर्फ अपनी सांसों पर ध्यान लगाया जाए तो मन का तनाव भी कम हो जाता है! ऐसा इसलिए होता है कि गहरी सांस लेने से हमारा नर्वस सिस्टम उत्तेजना प्रेरणा और महत्वाकांक्षा वाली स्थिति से हट्कर आराम और प्राप्ति की स्थिति मे चला जाता है!
प्राणायाम लगाता तनाव पर लगाम
ज्यादातर लोग जब पीड़ा या तनाव में होते हैं तो उनके सांसे उखड़ी रहती है किसी भी खतरे के प्रति है यह हमारे शरीर की कुदरती प्रतिक्रिया होती है! अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने के किसी भी व्यायाम से हमारे मन से बेचैनी अवसाद गुस्से और घृणा से भरे नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद मिलती है!
ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने पाया है कि यदि कोई कलाकार अपने प्रदर्शन से 30 मिनट पहले गहरी सांस लेने का अभ्यास करता है तो उसके प्रदर्शन को लेकर उसका डर काफी हद तक दूर हो जाता है!अब तक दुनिया में ध्यान और स्वास्थ्य विषय पर हजारों शोध हो चुके हैं जिनमें से ज्यादातर लोगों का मानना है कि ध्यान से श्रेष्ठ कुछ नहीं है!