Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
गठड़ी में लागे तेरै चोर,मुसाफिर के सोवै।
पांच पचीस और तीन चोर हैं।
सबने मचा दिया शोर।।
जाग सवेरा बांट सवेरा।
फेर न लागै कोए चोर।।
भँवसागर एक नदी बहत है।
गुरु बिन उतरा न कोए।।
गुरु बिन उतरा न कोए।।
कहत कबीर सुनो रे साधो।
छोड़ो जगत की डोर।।