Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
छोटा सा होकै रहना रेजग में, तज दो न मान गुमाना जी
सत्संग करा सार न जाना, ना छोड़ा बेईमाना जी।
भजन बना न बनी रे बन्दगी, फेर चौरासी में आना जी।।
घर भी छूटा मान नहीं छूटा, व्यर्थ लजा दिया बाना जी।।
साधु भी होना कठिन दुहेला, जीवतड़ा मर जाना जी।।
साधु भी होना कठिन दुहेला, जीवतड़ा मर जाना जी।।
भर-२भेष बहुत नर भूले, व्यर्थ लजा दिया बाना जी।।
शब्द लखा सोए पार उतर गया, फेर चौरासी न आना जी।।
जितादास कह सुनो तेजा, लग्न गुरु की सहना।
घीसा सन्त शरण सतगुरु की, वो मारा अटल निशाना जी।।