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सर्व॒विजयी”!

“’सर्व॒विजयी”! 

एक राजा ने संसार के सभी राज्यों को विजय कर. लिया। सब लोग उसे सर्व विजयी कहने लगे। परन्तु उसकी माता उसे सर्व विजयी नहीं मानती थी। राजा के हृदय में एक दिन विचार उठा कि मेरी माताश्री मुझे सर्व विजयी नहीं मानतीं। मुझे उनसे इसका कारण पूछना चाहिए। एक दिन राजा ने अपनी माताश्री से पूछा–आप मुझे सर्व विजयी क्यों नहीं मानती। माँ ने बताया–बेटा! तुमने संसार के बाहरी शत्रुओं को तो विजय कर लिया परन्तु जब तुम शरीर में रहने वाले आन्तरिक शत्रुओं पर विजय पा लोगे तभी सच्चे सर्व विजयी कहलाओगे। उस समय ही मैं तुम्हें सर्व विजयी कहूँगी। 
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