कबीर भजन १५४
हम तो एक ही कर वाना। टेक
दोउ कहे ताको दुविधा है,
जिन हरि नाम न जाना।
एक पवन एक ही पानी,
एक ही जोति संसार समानी।
एक मिट्टी के लाख घडीले,
एक उपजावन बखाना।
गाया देखकर जात भुलाना काहे,
रे नर तू गरवाना |
कहै कबीर सुनो भाई साधो,
हरि हम हाथ बिकाना।
एक पवन एक ही पानी,
एक ही जोति संसार समानी।
एक मिट्टी के लाख घडीले,
एक उपजावन बखाना।
गाया देखकर जात भुलाना काहे,
रे नर तू गरवाना |
कहै कबीर सुनो भाई साधो,
हरि हम हाथ बिकाना।