सरोजिनी नायडू, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख नेत्री और कवयित्री थीं, जो अपनी शैली, कला, और अद्भुत काव्य से लोगों के दिलों में स्थान बना चुकी थीं। उनका जन्म 13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद, आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) में हुआ था। उन्हें “भारत कोकिला” के उपाधि से भी जाना जाता है।
सरोजिनी नायडू का बचपन से ही साहित्यिक दृष्टिकोण था, और उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय बचपन में ही दिया। उन्होंने बहुत सारी भारतीय और पश्चिमी भाषाओं में कविताएं और कविता संग्रह लिखीं, जिनमें उनकी सर्वश्रेष्ठ भाषा, शैली और साहित्यिक गुणवत्ता दिखाई गई।
सरोजिनी नायडू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी एक प्रमुख भूमिका निभाईं। उन्होंने महात्मा गांधी के साथ सामाजिक और राजनीतिक कार्य में सक्रिय भूमिका निभाई।
सरोजिनी नायडू का योगदान साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम के क्षेत्र में अद्वितीय है। उनकी कविताएं और उपन्यासों में भारतीय समाज, स्त्री शक्ति, राष्ट्रीय एकता, और स्वतंत्रता के मुद्दे पर गहरा विचार किया गया।
सरोजिनी नायडू का जीवन एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो न केवल उनकी कविताओं में उजागर किए गए मुद्दों पर ध्यान दिया, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में भी अपने योगदान से लोगों को प्रेरित किया।
सरोजिनी नायडू का नाम भारतीय साहित्य के गौरवशाली इतिहास में स्थान बना चुका है, और उनकी कविताएं और उपन्यास आज भी हमें एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में स्वीकार किया जाता है।