माया एंजेलो का जन्म 4 अप्रैल 1928 को सेंट लुइस, मिसौरी, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था। उनका मूल नाम मार्गेराइट एनी जॉनसन था। वे एक प्रसिद्ध अमेरिकी लेखिका, कवयित्री, और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थीं, जिन्होंने अपनी आत्मकथात्मक लेखन और कविताओं के माध्यम से वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई।
माया का बचपन कठिनाइयों से भरा था। उन्होंने बचपन में अपने माता-पिता के तलाक के बाद अपने भाई के साथ अरकंसास में अपनी दादी के साथ रहना शुरू किया। बचपन में उनके साथ हुए दुर्व्यवहार और उसके बाद की घटनाओं ने उन्हें कुछ समय के लिए मूक बना दिया था। इस कठिन समय के बावजूद, माया ने खुद को किताबों और साहित्य में डूबा दिया और अपने लेखन के माध्यम से अपनी आवाज को पुनः प्राप्त किया।
1957 में, माया ने अपना पहला आत्मकथात्मक उपन्यास “आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स” प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने अपने बचपन और किशोरावस्था के संघर्षों को ईमानदारी से साझा किया। यह किताब उनकी सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है और इसे व्यापक रूप से सराहा गया। इसके बाद, उन्होंने छह और आत्मकथाएँ लिखीं, जिनमें उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को चित्रित किया गया।
माया एंजेलो ने कविताओं के अलावा, नाटक, पटकथा, और गीत भी लिखे। उनकी कविताओं में मानवाधिकार, नस्लीय समानता, और महिलाओं के अधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता झलकती है। उनकी सबसे प्रसिद्ध कविताओं में “स्टिल आई राइज़,” “फिनोमेनल वूमन,” और “ऑन द पल्स ऑफ मॉर्निंग” शामिल हैं। “ऑन द पल्स ऑफ मॉर्निंग” को उन्होंने 1993 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के उद्घाटन समारोह में पढ़ा था।
माया एंजेलो ने नागरिक अधिकार आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने मार्टिन लूथर किंग जूनियर और मैल्कम एक्स के साथ काम किया और सामाजिक न्याय के लिए अपनी आवाज उठाई। उनके योगदान के लिए उन्हें कई सम्मान और पुरस्कार मिले, जिनमें राष्ट्रपति पदक स्वतंत्रता (2010) शामिल है।
माया एंजेलो का निधन 28 मई 2014 को हुआ, लेकिन उनकी रचनाएँ और उनके सामाजिक योगदान आज भी जीवित हैं। उन्होंने अपनी लेखनी और काव्य के माध्यम से दुनिया को प्रेरित किया और उनके साहित्यिक योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। वे एक महान लेखिका, कवयित्री, और मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में इतिहास में अमर हो गईं।