Search

नाक कटे की चालाकी ”

“’नाक कटे की चालाकी ”

एक बार एक राजा ने एक बादमाश की बदमाशी पर उसकी नाक काटी जाने की सजा दी। नाक कट जाने पर ) बादमाश सीता राम, सीता राम कहता हुआ नाचने लगा। ) लोगों ने उससे पूछा तुम रोने के स्थान पर नाच क्‍यों रहे हो? बादमाश बोला–मुझे भगवान के दर्शन हो रहे हैं इसलिए मैं ) नाच रहा हूँ। प्रश्न पूछने वाले ने सोचा यह तो बड़ा सरल ) उपाय है जिससे भगवान के दर्शन हो सकते हैं। उसने भी | अपनी नाक कटवा ली, परन्तु उसे ईश्वर के दर्शन प्राप्त नहीं हुए। न्‍ हि इस पर उसने उस बदमाश गुरु से कहा–गुरु ने उसके कान में कहा कि भाई अब नाक तो कट ही गई है, अब व्यर्थ , में तुम अपना मजाक क्‍यों उड़वाना चाहते हो, तुम भी नाचना ) प्रारम्भ कर दो और बोलो कि मुझे भी भगवान के दर्शन हो | रहे हैं। इस तरह से उस गुरु ने अपने हजारों नाक कटे हुए , शिष्य बना डाले। राजा भी भगवान का बड़ा भक्त था। जब ) राजा ने सुना तो उसने भी अपनी नाक कटवाने का इरादा | मंत्रियों को बताया तो एक मंत्री बोला–महाराज! पहले । मुझे परीक्षा कर लेने दीजिए मंत्री की जब नाक कट गई तो । गुरु ने उसके कान में भी यही कहा कि जब नाक कट ही ‘ गई है तो आप भी यही कहिये कि मुझे ईश्वर के दर्शन हो रहे हैं। क्‍ मंत्री ने राजा को सच्चाई से अवगत करा दिया जिसके फलस्वरूप उन सभी भक्तों को फाँसी पर लटका दिया गया। 
Share this article :
Facebook
Twitter
LinkedIn

Leave a Reply

CALLENDER
September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
FOLLOW & SUBSCRIBE