काग की चतुरता है
एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में इधर-उधर घूम रहा था। बड़ा परिश्रम करने पर उसे जल का एक घड़ा मिला, परन्तु उसमें केवल पेंदी में ही थोड़ा सा जल था। कौए ने बहुत परिश्रम किया परन्तु वह न तो घड़े में चोच ही डाल सकता था और न उसे उल्टा ही कर सका।
अब कौआ प्यास के कारण बहुत ही परेशान हो गया। बहुत सोच विचार करने के पश्चात् उसे एक उपाय सूझा। वह अपनी चोंच में कंकड़ो को पकड़ कर घड़े में डालता रहा। अन्त में कंकड़ों से घड़ा भर जाने पर तली का पानी ऊपर आ गया। कौए को अपने परिश्रम का फल प्राप्त हो गया। उसने खूब पेट भर कर आनन्दपूर्वक जल को पिया।
One Response
Remarkable! Its in fact awesome post, I have got much clear idea about from this piece of writing.