Search

सूर्य सप्तमी

सूर्य सप्तमी 

यह ब्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रखा जाता है। चूंकि यह ब्रत स्त्रियों का है, इसलिए वे सूर्य नारायण को प्रसन्‍नता के लिए रखती हैं। सूरज भगवान जिस समय बादल में से निकलते हैं उस समय सूरज भगवान को गंगाजल से अर्ध्य देना चाहिए। मौली, लाल चन्दन, चावल, लाल-फूल, प्रसाद, फल, जनेऊ, धूप, दीपक, कपूर से आरती कर दक्षिण चढ़ानी चाहिए। परिक्रमा देनी चाहिए और सूरज भगवान को अर्घ्य देना चाहिए। अर्घ्य देते समय यह श्लोक बोलें –
जन जनम क्रीत, पांप, माया, जनम, स जनम स तन में रोग च सीझंच मा की हती सप्तमी।
images%20(4)
Share this article :
Facebook
Twitter
LinkedIn

Leave a Reply