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शांतिपूर्ण नींद का एक सरल रहस्य है – ध्यान।-There is a simple secret of peaceful sleep – meditation

शांतिपूर्ण नींद का एक सरल रहस्य है – ध्यान।
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बिस्तर पर लेटते हैं, नींद की इंतजार में करवटें बदलते रहते हैं? सोचते हैं कि काश आराम से सोने का कोई तो तरीका होताl

हाँ, शांतिपूर्ण नींद का एक सरल रहस्य है – ध्यान। ध्यान के अभ्यास को जीवन में ले आएँ और जीवन में बदलाव देखें।लेकिन इससे पहले अच्छा रहेगा कि खराब नींद का कारण जानें। ये कुछ भी हो सकता है, जैसे अधिक काम का तनाव, रोग, आहार, ग़लत सोने की आदतें, भावनात्मक समस्याएँ या शोर के प्रति अति संवेदनशीलता
अगर ना सो पाने का कारण तनाव या थकावट है तो ध्यान आपके शरीर व मन को शांत करता, तनाव के प्रभाव को कम करता है और मन व शरीर को गहरा विश्राम देता है।
सामान्यतयः तनाव को एक स्वास्थ्यपूर्ण रूप से संबोधित करने के लिए हम आत्म नियंत्रण की सहायता लेते हैंl लेकिन लगातार सतर्क रहने की स्थिति में, तनाव को बढ़ाने वाले दो हारमोन – अड्रेनलिन और कॉरटिसॉल – अधिक मात्रा में उत्पन्न हो कर हमारीमानसिक व शारीरिक प्रक्रिया (mental and physical processes)पर आघात करते हैं और नींद में बाधा डालते हैं। नियमित ध्यान इन हारमोनों का स्राव कम करता है और यह लाभदायक प्रभाव कई घंटों तक रहता है।
यदि मन की अति व्यस्तता के कारण समस्या की पहचान नहीं हो पा रही है, तब उस समय ध्यान मन को शांत व धीमा (विचारों की गति को कम) करता है जिससे छिपी हुई समस्या बाहर आ सके। जितना हम ध्यान करते हैं उतना स्पष्ट होता जाता है की ध्यान केवल निद्राहीन रातों को रोकने का माध्यम होने से भी कहीं बढ़कर है। ध्यान और निद्रा का एक करीबी संबंध है।
नियमित ध्यान (Intuitive awareness) के अभ्यास का एक उपहार अंतर्ज्ञानी बन जाना होता है। मन में बहुत सी बातें चलती रहती हैंl धीरे धीरे ध्यान के सुरक्षित वातावरण में मन पर पड़े संस्कार दिखने लगते हैं। ध्यान को आत्मनिरीक्षण के लिए भी उपयोग किया जा सकता है, और इस के माध्यम से अशांत नींद के कारणों को खोजा भी जा सकता है।
कुछ विचारणीय बातें…
#1 आपकी नींद से सम्बन्धित क्या आदतें हैं? क्या आप एक तय समय पर सोते हैं? क्या आप दिन में सोते हैं? आपकी नींद की गुणवत्ता कैसी है? और आप कितने घंटे सोते हैं?
एक निश्चित तय समय पर रात को सोना और एक तय समय पर सुबह उठना, आपको आपके शरीर के स्वाभाविक सोने व जागने के क्रम से तालमेल बिताने में मदद करता है। ज़्यादातर लोगों को 6-8 घंटे सोने की आदत होती है।
इसलिए अपने सोने और जागने के समय को निश्चित कर लें। दिन में सोना अनिद्रा को बढ़ाता है। अतः इससे बचें और अगर बहुत ज़रूरी हो तो दिन में कम समय के लिए सोएँ।
क्या आपको पता है कि 20 मिनट का ध्यान आपको 8 घंटे की नींद से भी अधिक गहरा विश्राम दे सकता है। खुद नियमित ध्यान को आजमायें और बदलाव को अनुभव करें। 20 मिनट आँख बंद कर बैठकर ध्यान के बाद न केवल आप डेज़ी के जैसे ताज़ा अनुभव करेंगें बल्कि रात की नींद की गुणवत्ता में भी सुधार का अनुभव करेंगें।
#2 क्या आप बहुत अधिक काम कर रहे हैं? क्या आप पर्याप्त व्यायाम करते हैं? आप की समस्या शारीरिक थकावट है या मानसिक, या फिर भावनात्मक? और आप विश्राम कर पाते हैं या कि मनोरंजन ही आपका विश्राम है?
अनिद्रा का कोई भी कारण हो, ध्यान व विश्राम ही आपकी ऊर्जा के संतुलन की कुंजी है। ध्यान में दिया गया थोड़ा समय न केवल आपकी नींद की कमी को पूरी करता है बल्कि ऊर्जा को संरक्षित भी करता है। आपका जाग्रत समय आरामदायक होगा और सोने के समय की गुणवत्ता में भी सुधार आयेगा।ध्यान के माध्यम से “विश्राम करना” और “जाने देना (लेट गो)” सीखना ही रास्ता है एक खराब नींद वाली रात से अच्छी नींद वाली रात की तरफ जाने का।
आपकी जीवनशैली में एक अर्थपूर्ण बदलाव लाने के लिए,ध्यान का नियमित अभ्यासअत्यावश्यक है। शीघ्र व श्रेष्ठ परिणाम के लिए खाली पेट सुबह स्नान के बाद सब से पहले ध्यान करें और दोपहर व रात के भोजन से पहले भी ध्यान करें।
#3 क्या देर रात का अल्पाहार आपकी नींद को प्रभावित करता है? क्या आप अपने भोजन का समय ऐसा रख सकते हैं कि आपको देर से खाना न खाना पड़े? आप किस तरह का भोजन कर रहे हैं?
आपको अपने भोजन का समय ठीक करना होगा, विशेष रूप से साँझ के भोजन का। पाचन तंत्र की अपनी एक प्राकृतिक लय है जो शाम को धीमी हो जाती है। देर से भोजन करने से पाचन तंत्र पर ज़ोर पड़ता है और शरीर को अतिरिक्त काम करना पड़ता है जबकि उस समय उसे आराम करना चाहिए।
उत्तेजक आहार से बचें, शाम के समय हल्का और आसानी से पचने वाला सात्विक आहार ही लें। दूध, मक्खन, फल, सब्जी और अनाज पाचन तंत्र के लिए सौम्य होते हैं और निद्रा के लिए सहयोगी भी।
कहाँ से प्रारंभ करें?
ध्यान की तकनीकें किसी अनुभवी टीचर से ही अच्छे से सीखी जा सकती हैं। फिर भी अच्छी नींद के लिए कुछ सरल उपाय जो स्वयं अभ्यास में लाये जा सकते हैं।
#1 साँस के प्रति सजग रहना | Awareness about Breath
साँस की सजगता एक अच्छी शुरुआत है। अपना समय लेते हुए साँस के प्रवाह को देखें। बैठे हुए या लेटे हुए अपनी आने व जाने वाली साँसों को ध्यान से देखें। साँस के साथ रहें, और देखें कि कब वह शरीर में प्रवेश कर रही है, और कब बाहर आ रही है। धीरे धीरे साँस लेने और साँस छोड़ने का समय आराम के साथ बढ़ाते जाएँ। अपने मन व भावनाओं पर पड़ रहे प्रभावों को देखें । चीज़ों को जाने देना (लेट गो) सीखें और अपनी साँस के द्वारा उत्पन्न हुए क्षेत्र में रहें।
साँस का शरीर के सभी तंत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। शरीर के विभिन्न तंत्रो के प्रति सजग होना, साथ ही मन व भावनाओं के प्रति सजग होना और सभी अंत-तंत्रों का संतुलन ही, तनाव मुक्ति का आधार है। साँस को विश्राम के लिए प्रयोग करने से मन में बढ़ा हुआ तनाव निकलने लगता है और विचार धीमे होते जाते हैं। सभी तंत्रो पर शान्तिमय होने व तालमेल बैठने का प्रभाव होता है, जो नींद को बेह्तर बनाता है।
#2 निर्देशित ध्यान | Guided Meditations
निर्देशित ध्यान एक सरल उपाय है। व्यापक विषयों पर आधारित बहुत से ध्यान उपलब्ध हैं। आप जिस विषय में भी रूचि लेते हैं, इसके भी परे निर्देशित ध्यान आपके मन के
क्षितिज को फैलाता है और तंत्रिका तंत्र को आराम देता है। इन्हें प्रतिदिन किया जा सकता है और अत्यधिक तनाव में आपात उपाय की तरह भी प्रयोग कर सकते हैं।
#3 योग निद्रा | Yogic Sleep
योग निद्रा नींद और जाग्रत मन के बीच के अंतर को भरती है। ये एक सरल प्रक्रिया है, जिसमें आप आराम से अपनी सजगता शरीर के विभिन्न अंगों पर ले जाते हैं और वहाँ क्या हो रहा है यह देखते हैं। और व्यवस्थित तरीके से साँस की सहायता से शरीर को विश्राम देते हैं। एक विशेष तरीके से पूरा तंत्र विश्राम में लाया जाता है। ये बहुत ही पुष्टिवर्धक, शान्तिमय अवस्था है, जो नींद आने का पह्ला कदम बन जाता है।
#4 मंत्र ध्यान | Mantra Meditation
लिए। सहज समाधि ध्यान शिविर, मंत्र ध्यान सीखने का सबसे सुगम उपाय है। यहाँ टीचर आपको एक मंत्र देता है जिस के प्रयोग से आप सहजता से ध्यान में चले जाते हैं। क्या आप शिविर (कोर्स) करना चाहेगें?

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