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गुरु रामानन्द जी, समझ गहो मोरी बहियाँ- guru ramanand ji – kabir ke shabd

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द

गुरु रामानन्द जी, समझ गहो मोरी बहियाँ।।
जो बालक झुंझुनिया खेलैं, वे बालक हम नहियां।
हम तो सौदा सत्त का करते, पाखण्ड पूजा नहियां।।

चौदह सौ चौरासी चेले, वो चेले हम नहियां।
बांह पकड़ो तो गह कर पकड़ो, फेर छूटन की नहियां।।
हाड़ चम हमरे कुछ नाहीं,जुलहा जाती हम नहियां।
अगम अगोचर नाम साहब का, सो हमरे घट महियां।।
जो तुम्हरे कुछ भेद नहीं,काहे जीव भरमाओ।
मूर जनजीवन जानो नाहीं, भूल न बांधो काहू।।

सूखे काठ में ज्यूँ घुन लागे, लोहे लागे काई।
बिन भेदी गुरु जो कीजे, तो काल घसीटे आई।।

कह कबीर सुनो रामानंद, ये सिख मानलो म्हारी।
निरख परख के चेले कीजे, ताहि गुरु बलिहारी।।
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