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मन को जमा रे बन्दे मैल मत राखे – man ko jma re bande – kabir ke shabd

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द

मन को जमा रे बन्दे मैल मत राखे,
सुकृत कर तेरी काया ने।
पापी के मन से राम नहीं निकले केशर घुल रही गारा मैं।
भैंस पद्मनी ने गहनों पहरा दियो,
हांडे बाड़ गितवाडा में।।

सोने के थाल में सूरी ने परोस दिया,
के जाने जीमन के नजारा ने।
खा नहीं जाने वा पी नहीं जाने,
खावे मैल कबाड़ा ने।।

शीश महल में कुत्तिया सुआ दइ,
के जाने रंग चौबारां ने।
सो नहीं जाने वा बैठ नहीं जाने,
भूंसन लागी सारां ने।।

हीरा ले मूर्ख ने दीन्हा,वो चाबन लाग्या सारा ने।
हीरे की पारख जोहरी जाने,
ज्ञान नां मूढ़ गवांरां ने।।

अमृतनाथ अमर भया जोगी, चाट गया काच्चा पारा ने।
भानीनाथ शरण सत्तगुरु की,
जीत गया दसों द्वारा ने।।

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