हार्पर ली का जन्म 28 अप्रैल 1926 को मोनरोविल, अलबामा, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था। उनका पूरा नाम नेल हार्पर ली था। वे एक प्रसिद्ध अमेरिकी लेखिका थीं, जो अपने उपन्यास “टू किल अ मॉकिंगबर्ड” (1960) के लिए सबसे ज्यादा जानी जाती हैं। इस उपन्यास ने उन्हें साहित्यिक जगत में स्थायी प्रतिष्ठा दिलाई और 1961 में पुलित्जर पुरस्कार भी दिलाया।
हार्पर ली ने मोनरोविल के स्थानीय स्कूलों में शिक्षा प्राप्त की और बाद में अलबामा विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई की, लेकिन उन्होंने अपनी डिग्री पूरी नहीं की। वे न्यूयॉर्क शहर चली गईं, जहाँ उन्होंने लेखन में अपना करियर शुरू किया।
“टू किल अ मॉकिंगबर्ड” उनका पहला और सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है। यह उपन्यास नस्लीय भेदभाव, न्याय और मानवीय मूल्यों के विषयों पर केंद्रित है। इसकी कहानी स्काउट फिंच नामक एक लड़की के दृष्टिकोण से बताई गई है, जो अलबामा के एक छोटे से शहर में अपने पिता, अटिकस फिंच, के साथ रहती है। अटिकस एक वकील है, जो एक अश्वेत व्यक्ति का बचाव करता है, जिस पर एक श्वेत महिला के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया है। यह उपन्यास अमेरिकी दक्षिण में नस्लीय अन्याय और सामाजिक असमानता को उजागर करता है।
“टू किल अ मॉकिंगबर्ड” के प्रकाशन के बाद, हार्पर ली ने काफी हद तक सार्वजनिक जीवन से दूर रहकर एकांतप्रिय जीवन बिताया। उनके दूसरे उपन्यास, “गो सेट अ वॉचमैन,” को 2015 में प्रकाशित किया गया था, जो “टू किल अ मॉकिंगबर्ड” का एक प्रकार का प्रीक्वल और सीक्वल दोनों है।
हार्पर ली का निधन 19 फरवरी 2016 को हुआ। उनके साहित्यिक योगदान ने न केवल अमेरिकी साहित्य को समृद्ध किया, बल्कि सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। उनका काम आज भी पाठकों और आलोचकों द्वारा सराहा जाता है, और वे एक महान लेखिका के रूप में याद की जाती हैं।