गुरु का महत्व क्यों
भारतीय संस्कृति में ‘आचार्य देवो भव’ कहकर गुरु को असीम श्रद्धा का पात्र माना गया है। गुरु शब्द में “गु” का अर्थ अंधकार तथा ‘रु’ का दूर करने से लगाया जाता है। अर्थात जो अंधकार को दूर कर सके, वही गुरु है। वेसे, हमारे शास्त्रों में गुरु के अनेक अर्थ बताए गए हैं। गुरु का महत्व इसी तथ्य से स्पष्ट होता है कि इस धरती पर जब भगवान ने अवतार लिया तो उन्हें भी गुरु का आश्रय ग्रहण करना पड़ा।
गुरु का स्थान भगवान से भी उंचा होता है, इसलिए नित्य शक्ति संयुक्त, श्रीशिव रूप श्री गुरुदेव का ध्यान करके उनके चरण कमलों से बहते हुए अमृत से अपने स्वयं को भीगा हुआ आनंद मय पवित्र जानकर मानसोपचारों से उनका पूजन करके जो शिष्य नित्य गुरु मंत्र को जपता है यानि गुरु द्वारा बताए वचनों पर चलता हे वह शीघ्र स्वाभीष्ट पद पर पहुंच जाता है। गुरु मंत्र का अर्थ है दीक्षा के समय दिया गया गोपनीय गुरु मंत्र। दीक्षा का एक अर्थ उपदेश भी है।