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तेल मर्दन ही क्यों, घी से मर्दन क्यों नहीं? – Why oil oil, why not oil with ghee?

तेल मर्दन ही क्यों, घी से मर्दन क्यों नहीं?

क्योंकि तेल मर्दन से शरीर को शक्ति प्राप्त होती है। तेल का भक्षण करने से शक्ति नहीं मिलती जबकि घी को भोजन के रूप में प्रयोग करने पर शक्ति प्राप्त होती है. मर्दन से नहीं।
Shades Of Life: August 2019
Why oil oil, why not oil with ghee?

तेल मर्दन में सरसों के तेल के अलावा सुगंधित तेल से भी मर्दन करना चाहिए या नहीं? शुद्ध सरसों के तेल से शरीर मर्दन करने से जो शक्ति प्राप्त होती है, वह शक्ति अन्य तेलों से कदापि प्राप्त नहीं हो सकती।
तेल मर्दन का वैज्ञानिक आधार क्या है?
तेल मर्दन त्वजा के रोम छिद्रों को खोल देता है जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभप्रद है। सिर में नियमित तेल लगाने से बालों का गिरना, सिर दर्द, मस्तिष्क की दुर्बलता आदि स्वत: नष्ट हो जाती है ।
क्या प्रतिदिन तेल-मर्दन करना चाहिए?

शुक्रवार को तेल मर्दन नहीं करना चाहिए। शुक्र वीर्य का स्वामी है और वीर्य ही मनुष्य का तेज है। तेल मर्दन करने से शुक्र का तेज हमारे वीर्य में उष्णता (गर्मी) में वृद्धि करके हमें दु:खित कर संकता है क्योंकि वीर्य के दूषित होने से गर्भाधान में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है जो भविष्य में दु:खों का कारण हो सकता है। रविवार को भी तेल-मर्दन न करें क्योंकि रविवार को तेल मर्दन से ताप (गर्मी) में वृद्धि होती है। रवि सौर मंडल का सबसे तेजस्वी ग्रह है । शास्त्रों का कथन है कि रवि को तेल मर्दन से ताप, सोमवार को शारीरिक को सौन्दर्य, मंगल को मृत्यु. बुध को धन प्राप्ति गुरु को हानि, दुःख तथा शनि को सुख प्राप्त होता है। प्रसंग बनता है कि मंगलवार, को तेल मर्दन करने से मृत्यु कैसे हो सकती है। यहां मृत्यु का अर्थ मरने से नहीं बल्कि शरीर में तरह-तरह की उत्पन्न होने वाली बीमारियों से है जो घातक सिद्ध होती है। मंगल को तेल मर्दन करन शुक्र से मिर्गी, खुजली आदि होने की अधिक संभावना होती है।



आखिर क्यों ?
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