धार्मिक कार्य जैसे पूजा-आराधना, जप या अनुष्ठान करते समय हिन्दू लोग आसन क्यों बिछाते हैं?
धुर्म शास्त्र के वचनानुसार आसन के बिना पूजा- पाठ आदि कृत्य करना निरर्थक सिद्ध होता है। खाली भूमि पर बैठकर पूजन करने से दु:ख, लकड़ी पर बैठकर पूजन करने से दुर्भाग्य बाँस पर दरिद्रता कपड़े पर बैठने से तपस्या की हानि, पत्थर पर बैठकर पाठ करने से रोग का आगमन होता है। उपरोक्त कारणों को ध्यान में रखकर विशेष प्रकार के आसनों का विधान बना।आसनों के बिछाने का कोई वैज्ञानिक कारण हो तो वह भी स्पष्ट करें?
Why do hindus spread asanas while performing religious functions such as worship, chanting or rituals? |
पूजा पाठ करने से मनुष्य में एक विशेष प्रकार की शक्ति का संचार होता है। वह शक्ति ‘लीक’ होकर ‘अर्थ’ न हो जाए इसलिए पूजा करने वाले और भूमि के बीच विद्युत कुचालक के रूप में आसनों का प्रयोग करते हैं हमारे ऋषि मुनियों ने कुशासन को तथा व्याघ्रचर्म, मृगचर्म को आसनों में सर्वश्रेष्ठ कहा है। आप स्वयं अनेक तस्वीरों में भगवान् शिवजी को व्याघ्रचम्म के आसन पर समाधिस्थ अवस्था में देख सकते हैं।
आखिर क्यों ?