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हिन्दू लोग पूजा-पाठ या अन्य शुभ अवसरों पर स्वास्तिक ( #) का चिन्ह क्यों बनाते हैं? इसका क्या रहस्य है? Why do Hindus make swastik (#) sign on worship or other auspicious occasions? What is the secret of this? – 102


हिन्दू लोग पूजा-पाठ या अन्य शुभ अवसरों पर स्वास्तिक ( #) का चिन्ह क्यों बनाते हैं? इसका क्या रहस्य है?

स्वास्तिक चिन्ह केवल हिन्दुओं में ही नहीं प्रचलित है अन्य धर्म संप्रदाय के लोग भी इसे पवित्र मानते हैं। ईसाइयों में पवित्र क्रास () को लोग गले में धारण करते हैं तथा स्वास्तिक को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाये तो ‘धन आवेश’ के रूप में समझ सकते हैं। धन आवेश अर्थात् Positive Point. दो ऋणात्मक शक्ति प्रवाहों के मिलने से धनात्मक आवेश Plus (+) बना यह स्वास्तिक का अपभ्रंस ही है।

जानिए स्वस्तिक का अर्थ,प्रभाव, परिणाम एवं कारण - Religion News
Why do Hindus make Swastik

ईसाइयों का क्रॉस है विच्छेद करने पर शब्द मिलता है – करि * आस्य ‘क्राइस्ट’ का संधि विच्छेद करने पर तीन शब्द मिलते हैं – कर । आस्य + इस्ट इसका तात्पर्य हाथी के समान मुख वाला होता है। हाथ के समान मुख वाले अग्रपूज्य देव गणेश जी हैं। स्वास्तिक चिन्ह श्री गणेश जी के साकार विग्रह का स्वरूप है। स्वास्तिक की चार भुजाएँ श्री विष्णु जी के चार हाथ हैं। स्वास्तिक चारों दिशाओं की ओर शुभ संकेत देता है। स्वास्तिक ‘श्री ‘ (लक्ष्मी) का भी प्रतीक है। भगवान विष्णु और धन संपत्ति की अधिष्ठात्री देवी का प्रतीक स्वास्तिक है। पूजा-पाठ या अन्य शुभ कर्मों के अवसर पर ब्राह्मण लोग शुभत्व की प्राप्ति के लिए ‘स्वस्तिवाचन’ करते हैं।
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