हिन्दू स्त्रियां मांग में सिंदूर क्यों लगाती हैं?
सीमन्त अर्थात् मांग में सिंदूर लगाना सुहागिन स्त्रियों का सूचकहै। हिन्दुओं में विवाहित स्त्रियां ही सिंदूर लगाती हैं कुंवारी कन्याओंएवं विधवा स्त्रियों के लिए सिंदूर लेगाना वर्जित है इसके अलावासिन्दूर लगाने से स्त्रियों के सौंदर्य में भी निखार आता है अर्थात्उनकी सुंदरता बढ़ जाती है। विवाह-संस्कार के समय वर ( दूल्हा),वधू (दुल्हन) के मस्तक में मंत्रोच्चार के मध्य पांच अथवा सात बारचुटकी से सिन्दूर डालता है।
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Why do Hindu women apply vermilion in demand? |
तत्पश्चात् विवाह कार्य सम्पन्न हो जाताहै। उस दिन से वह स्त्री अपने पति की दीर्घायु (लम्बी आयु) केलिए प्रतिदिन सिंदूर लगाती है। मांग में दमकता सिंदूर स्त्रियों केसुहाग का द्योतक है।मांग में सिंदूर लगाने का वैज्ञानिक कारणभी है
अथवा यह कोरी रुढ़िवादिता है?ब्रह्मरन्ध्र और अध्मि नामक मर्मस्थान के ठीक ऊपर स्त्रियांसिंदूर लगाती हैं, जिसे सामान्य भाषा में सीमन्त अथवा मांग कहते हैं।पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों का यह भाग अपेक्षाकृत कोमल होता है।चूंकि सिंदूर में पारा जैसी धातु अत्यधिक मात्रा में पायी जाती है जोस्त्रियों के शरीर को विद्युतीय ऊर्जा को नियंत्रित करता है औरमर्मस्थल को बाहरी दुष्प्रभावों से बचाता भी है। अत: वैज्ञानिक दृष्टिसे भी स्त्रियों को सिंदूर लगाना आवश्यक है।
आखिर क्यों ?