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गुरु मंत्र का जाप क्‍यों करते हैं

गुरु मंत्र का जाप क्‍यों करते हैं

गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा है, इसलिए नित्य शक्ति संयुक्त, श्रीशिव रूप श्री गुरुदेव का ध्यान करके उनके चरण कमलों से बहते हुए अमृत मे अपने स्वयं को भीगा हुआ आनंद मय पवित्र जानकर मानसोपचारों से उनका पूजन करके जो शिष्य नित्य गुरु मंत्र को जपता है यानि गुरु द्वारा बताए वचनों पर चलता है वह शीघ्र स्वाभीष्ट पद पर पहुंच जाता है। गुरु मंत्र का अर्थ है हा के समय दिया गया गोपनीय गुरु मंत्र। दीक्षा का एक अर्थ उपदेश भी है
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 गुरुमंत्र के फलस्वरूप शिष्य अपनी आध्यात्मिक उन्नति करता है और अंतत: मोक्ष प्राप्ति करता है|
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