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तिलक क्यों लगायें? – क्या लिक केवल ब्राह्यण लगा सकते हैं। अन्य जातियां नहीं ? – Why apply Tilak? – Can Lick only apply Brahmins. Not other races?


तिलक क्यों लगायें?
शास्त्रों के अनुसार यदि ब्राह्मण तिलक नहीं लगाता तो उस ‘चाण्डाल’ समझना चाहिए। तिलक धारण करना धार्मिक कार्य माना गया है।
माथे पर तिलक कैसे लगाते हैं? | Tilak Kaise lagate hai ? | Manisha Jakhmola  | मनीषा जखमोला - YouTube
Why apply Tilak? – Can Lick only apply Brahmins. Not other races?

क्या लिक केवल ब्राह्यण लगा सकते हैं। अन्य जातियां नहीं ?
लिक, त्रिपुण्ड, टीका अथवा बिंदिया आदि का सीधा संबंध मस्तिष्क से होता है। मनुष्य की दोनों भौंहों के बीच (जिस स्थान पर लिक लगाते हैं) आज्ञा चक्र’ स्थित है। इस चक्र पर ध्यान केन्द्रित करने पर भी साधक का भन पूर्ण शद्ति सम्पन्न हो जाता है। इसे ‘चेतना केन्द्र’ भी कहा जाए तो अनुचित न होगा अर्थात् समस्त ज्ञान एवं चेतना का संचालन इसी स्थान से होता है। ‘आज्ञा चक्र’ ही ‘तृतीय नंत्र’ है इसे ‘दिव्यनेत्र’ भी कहते हैं। तिलक लगाने से ‘आज्ञा चक्र’ जागृत होता है जिसकी तुलना राडार, टेलिस्कोप आदि से की जा सकती है। इसके अलावा लिक सम्मान-सूचक भी है। तिलक लगने से साधुता (सज्जनता) एवं धार्मिकता का आभास होता है।

तिलक धारण करने का वैज्ञानिक कारण स्पष्ट करें ?
जब हम मस्तिक से आवश्यकता से अधिक काम लेते हैं तब ज्ञान-तन्तुओं के विचारक केन्द्र भृकुटि और ललाट के मध्य भाग में पीड़ा उत्पन्न हो जाती है। ठीक उस स्थान पर जहाँ लिक, त्रिपुण्ड लगाते हैं। चन्दन का तिलक ज्ञान-तन्तुओं को शीतलता प्रदान करता है। जो प्रतिदिन प्रात:काल स्नान के पश्चात् चन्दन का तिलक लगाते हैं उन्हें सिर दर्द की शिकायत नहीं होती। इस तथ्य को डाक्टर्स एव वैद्य, हकीम भी स्वीकार करते हैं ।

आखिर क्यों ?
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