Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
छम छम करता आवेगा जब, समय काल का घोड़ा।
घड़ी काल की नहीं टलेगी, लेजा काल निगोड़ा।।
कुछ दिन पहले कर देगा वो, बन्दे तनै सचेत।
तेरे जान का टेम आ लिया, दे जागा संकेत।।
खाना पीना छूट जागा, क्यों हांडै दौड़ा दौड़ा।
बिन आई तो टल जा बन्दे, आई नहीं टलेगी।।
छोड़ गुमान इस काया का, अग्नि बीच जलेगी।
पल में प्राण काढ ले तेरे, सिर में मार हथौड़ा।।
यो जीवन सै उसका बन्दे, जिसने दिया तेरे तैं।
घिरा खड़ा क्यों मोह माया के,बाहर लिकड़ घेरे तैं।
पड़ै बिछड़ना सब तैं बन्दे,एक दी पाटै जोड़ा।।
मतलब के हैं मित्र प्यारे,झूठी रिश्तेदारी।
खड़े देखते रह जांगी जब, हो चालन की तैयारी।
रटले नाम हरि का डी सी ,जीवन सै इब तेरा।।