हिन्दुओं की धार्मिक मान्यता के अनुसार अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है तथा पतितपावनी मोक्षदायिनी गंगा के पवित्र जल के स्पर्श से मृतक की आत्मा के लिए स्वर्ग का द्वार खुल जाता है।
अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने का क्या कोई वैज्ञानिक पक्ष भी है?
वैज्ञानिक परीक्षणों से यह निष्कर्ष मिला है कि अस्थियों (हड्डियों) में फासफोरस अत्यधिक मात्रा में पायी जाती है जो खाद रूप में भूमि को उपजाऊ बनाने में सहायक है। गंगा हमारे देश सबसे बड़ी नदी. है। इसके जल से भूमि का बहुत बड़ा भाग सचित होता है। इसके जल की उर्वरा शक्ति क्षीण न हों, इसके बचाव के लिए अस्थियाँ प्रवाहित करने की परम्परा वैज्ञानिक सूझ बुझ से रखी गयी है।
आखिर क्यों ?