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मतलबी क्या करते हैं? – एक सत्यापन कथा

मतलबी क्‍या करते हैं?

मुसलमानों के धर्म ग्रन्थ कुरान में लिखा है -असत्य , बोलने से, मदिरा पान करने से, व्याभिचार करने से मनुष्य स्वयं अपना नाश कर लेता है। एक व्यापारी मुसलमान शराब बहुत पीता था। वह हमेशा शरीर के मोह में ही पड़ा हुआ आनन्द मनाता रहता था।
एक फकीर उससे बोला – तुम यह क्या करते हो? ऐसा करने से तुम पैगम्बर के फरमान को तोड़ रहे हो। लेकिन वह फकीर के उपदेश को न मानकर उसने तुरन्त कुरान की उसी आयत का आधा भाग सुनाकर कहा-  जब कुरान शरीफ ही हुक्म दे रहा है, तब इसमें पाप कैसा? फकीर ने उसे समझाया – इस आयत का पिछला भाग भी तो पढ़ो। शराबी बोला – आगे पढ़ने की क्या आवश्यकता है?
मतलबी क्‍या करते हैं?
आधे वाक्य को मैं मानूं और आधे को आप स्वीकार करो पूरा वाक्य मानने व मनवाने का आपका मतलब कया है?  यह सुनकर फकीर को क्रोध चढ़ आया और उसने कहा – अरे बदमाश! वाक्य पूरा किये बिना, अर्थ लगा रहा है और मेरे समझाने पर भी मानता नहीं है।
इतना कहकर फकीर ने उसके दो थप्पड़ जड़ दिये। थप्पड़ खाकर वह सीधा हो गया और फकीर से माँफी माँगने लगा।  इसका परिणाम यह हुआ कि वह कुरान शरीफ के अनुसार आचरण करने लगा।
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