वर्ण-व्यवस्था जन्मजात होती है अथवा संस्कार के अनुसार ?
सामान्य तौर पर वर्ण-व्यवस्था जन्मजात होती है किन्तु कुछ विद्वानों का कथन है कि व्यक्ति जन्म से शुद्ध होता है (क्योंकि कमर के नीचे भाग शुद्र की श्रेणी में आता है और प्रत्येक मनुष्य का जन्म कटि से नीचे ही होता है।) संस्कारों के फलस्वरूप उसमें ब्राह्मणत्व, क्षत्रियत्व अथवा अन्य कोटि का भाव आता है
Varna system is inborn according to Arthava rites? |
किन्तु जन्मगम विशेषताओं को भी नकारा नहीं जा सकता क्योंकि बहुत पुरानी कहावत है कि ‘खून, अपने खून’ (पुत्र, भाई आदि से तात्पर्य) को अपनी ओर खींचता है। वैज्ञानिक भी इस जध्य को स्वीकारते हैं कि वीर्य (बीज) में निहित वंशागत गुण धर्म पुत्र में पाये जाते हैं बाहरी संस्कारों से थोड़ा बहुत परिवर्तन लाया जा सकता है किन्तु बालक में उसके माता-पिता के गुण विशेष रूप से विद्यमान रहेंगे।