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tera janam maran kate rog dawai pile naam ki

kabir

Kabir ke Shabd

तेरा जन्म मरण कटै रोग, दवाई पीले नाम की।
तीन ताप से जीव दुःखी है, पड़ा जगत में सोग।
सब रोगा की एक ओषधि, करो नाम प्रयोग।।
नाम संजीवनी बूटी है, कोय समझें विरले लोग।
जो कोए पीवै जग जग जीवै, रहे ना कर्म का योग।।
कोय माला जपै कोय खड़ा तपै, कोय मन्दिर लगावै भोग।
नाम अनामी सब का स्वामी, पावै चौथा लोक।।
गुरु राम सिंह से सुरत शब्द का, जो कोय साधै योग।
ताराचंद कटे सब बीमारी, गुरु देते सहयोग।।
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