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तेरा सूना मानस शरीर, प्यारे गुरू बिना || Tera Soona maanas sarir, Pyare guru bina Kabir Ke Shabd ||

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
तेरा सूना मानस शरीर, प्यारे गुरू बिना।।

तरवर सूना डाल पात बिन, हृदय सूना ज्ञान सार बिन।
ताल वो सूना नीर प्यारे।।


सद्गुरुतो घट घटकी जाणै, सबके मनकी बात पिछाणै।
उनै मर्द भजो चाहे वीर।।

गुरू बतावै आँख्यां देखी, नुगरे बाँचें कागज लेखी।
तेरे हृदय में तस्वीर।।

मातपिता बांधव सुत नारी, मतलब की सब रिश्तेदारी।
तेरी कौन बंधावै धीर।।

देखे पंडित ओर ब्रह्मचारी, ज्ञान बिना फिरते हैं अनाड़ी।
तेरी कटै ना कर्म जंजीर।।

बड़े बड़े योद्धा युग मे होगे, लड़े लड़ाए सबकुछ खोगे।
उनके चढ़े ना निशाने तीर।।

जिन२ वचन गुरू का धारा, भँवसागर से हो गए पारा।
यूँ कथ गए सन्त कबीर।।
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