Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
तेरा जन्म मरण मिट जाए, गुरु का नाम रटो प्यारे।
जग में आया नर तन पायाँ, भाग बड़े भारे।
मोह भुलाना कद्र न जाना, ये किया क्या रे।।
बालापन में मन खेलन में, सुख दुःख ना धारे।
तरुण भयो जब नारी वश में, तन मन धन हारे।
बूढा होकर घर में सो कर, सुनै वचन खारे।।