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काम बताओ

काम बताओ

एक राक्षस प्रवृत्ति का व्यक्ति प्रत्येक राजा के यहाँ जाकर कहता कि मुझे अपने यहाँ नौकर रख लो और हमेशा
मुझसे काम कराते रहना, नहीं तो मैं खा जाऊँगा। इस तरह से वह अनेकों राजाओं का भक्षण कर गया।

एक दिन वह एक नये राजा के यहाँ नौकरी करने लगा। राजा ने उसे युद्ध क्षेत्र में भेज दिया। जब युद्ध समाप्त हो गया तो राजा ने उसे एक किला तैयार करने को कहा। उसने वह किला भी शीघ्र तैयार कर दिया।

राक्षस राजा से खोला मुझे काम बताओ  राजा उसे जो भी काम  बताता था खह उसे शीघ्र ही पूरा कर देता था। एक दिन जब काम समाप्त होने को आया तो राजा ने डरकर अपने मंत्री से कहां अब इसे क्या  काम बताया  जाये।

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मंत्री बोला स्वामी आप चिन्ता न करें । काम समाप्त हो जाने पर जब राक्षस आया तो मंत्री ने कहा इस कुत्ते की पूँछ को सीधा करो। बेचारा राक्षस बार-बार पूछ को सीधा करता, परन्तु वह बार-बार टेढ़ी हो जाती थी।

अन्त में वह राक्षस हार गया और राजा के पास जाकर अपनी मूर्खता के लिए क्षमा याचना करने लगा।
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