माला धारण करने का वैज्ञानिक क बतायें। माला गले में ही क्यों धारण करते हैं?
जप करते समय साधकों को होंठ एवम् जिह्वा को हिलाना पड़ता है जिस कारण कण्ठ की धमनियाँ प्रभावित होती हैं और साधक को कण्ठमाला, गलगण्ड आदि रोग होने की संभावना बन जाती है। ऐसे रोगों के होने की संभावना से रक्षा (बचाने के) के लिए औषधि युक्त काष्ठ तुलसी, रुद्राक्ष आदि की माला धारण करते हैं। विभिन्न मालाओं के धारण करने से क्या लाभ हैं?
Tell the scientist to wear the garland. Why do you wear a garland around your neck? |
तन्त्रसार के अनुसार शत्रु विनाश के लिए ‘कमल गट्टे’ की माला। मारण एवम् तामसी कार्यों के लिए ‘सर्प की हड्डी’ की माला। विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए ‘तुलसी’ की माला। दीर्घायु होने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करना हो तो रुद्राक्ष की माला। संतान गोपाल का जप करना हो तो ‘जीव पुत्र’ की माला। पाप नाश करने के लिए ‘कुश-ग्रन्थि’ की माला। विघ्न हरण हेतु ‘हरिद्रा’ की माला नजर, टोने-टोटके से बचाव के लिए ‘व्याघ्र नख’ की माला धारण करें।