Search

संघर्ष ही शक्ति को विकसित करता है || struggle develops strength ||

संघर्ष ही शक्ति को विकसित करता है

*एक बार एक आदमी ने अपने बगीचे में एक तितली के कोकून को देखा। वह उसे देखने लगा, उसने नोटिस किया कि उस कोकून में एक छोटा सा छेद बन हुआ है,* *उसने देखा की छोटी तितली उस छेद से बाहर निकलने की बहुत कोशिश कर रही थी, पर बहुत देर तक कोशिश करने के बाद भी वो उस छेद से बाहर नहीं निकल पा रही थी, वह बहुत कोशिश करती रही, फिर वह शांत सी हो गयी, उस आदमी को लगा जैसे उसने हार मान ली हो।*
*इसलिए उस आदमी उस तितली की मदद करने के उद्देश्य से एक कैंची उठायी और कोकून की छेद को बड़ा कर दिया की जिससे तितली आसानी से बाहर निकल पाए और यही हुआ, तितली बिना किसी संघर्ष के आसानी से बाहर निकल गयी, पर उसका शरीर सूजा हुआ था, और पंख सूखे हुए थे।*

Struggles develop strength

*उस आदमी को लगा कि वो तितली अपने पंख फैला कर उड़ने लगेगी, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बल्कि कुछ समय बाद ही वह मर गयी। इसका उसे काफी दुःख हुआ।*

*उस आदमी ने अपने बुजुर्ग को यह सारी बात बताई, बुजुर्ग ने बताया असल में कोकून से निकलने की प्रक्रिया को प्रकृति ने इतना कठिन इसलिए बनाया है, जिससे ऐसा करने से तितली के शरीर में मौजूद तरल पदार्थ उसके पंखों में पहुँच सके, और वो छेद से बाहर निकलते ही उड़ पाए। और जिंदा रह सके। और तुमने उस की मदद करके उसकी सामान्य प्रक्रिया को तोड़ दिया। जिसके कारण उसका यह हश्र हुआ।*

*सीख*

*दोस्तों असल में कभी-कभी हमारे जीवन में संघर्ष ही हमे वो मज़बूती प्रदान करता है, जिससे हम आगे बढ़ सके, क्योंकि यदि हमे बिना संघर्ष के जीवन में कुछ मिलेगा तो हम अपंग हो जायेंगे और यदि सफल भी हो गये तो ज्यादा समय तक सफल नही रह पाएंगे।*

*इसलिए जीवन में आने वाले कठिन पलों को सकारात्मक दृष्टिकोण से स्वीकार करे, क्योंकि वो हमे मजबूत बनाते है ना की मजबूर।*

Share this article :
Facebook
Twitter
LinkedIn

Leave a Reply