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शीतला षष्ठी: देवी शीतला की कथा, महत्व और पूजा विधि

शीतला षष्ठी

यह ब्रत माघ कृष्ण पक्ष षष्ठी (छठ) को किया जाता है। इसके करने से आयु तथा सन्‍्तान कामना फलवती होती है। कहीं कहीं इस दिन कुत्ते के भी टीका लगाकर तथा पकवान खिलाकर पूजते हैं इस दिन ब्रत रखने वाली स्त्री गर्म जल से स्नान न करे, गर्म भोजन भी नहीं करना चाहिए इसका महत्व ज्यादातर बंगाल प्रान्त में है। शीतला माता की षोडशोपचार पूजा करके पापों के शमनार्थ प्रार्थना करनी चाहिए।
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