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रोवैगा लोभी थक जांगे पौरुष तेरे-Rovega Lobhi Thak Jaayenge Porush tere Kabir Ke shabd

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
रोवैगा लोभी थक जांगे पौरुष तेरे।।

आज जिसको कहता मेरे मेरे, होंगे वे दुश्मन तेरे।
तेरे खोदे तुझे मिलेंगे, तेरे हाथ के झेरे
उस कुनबे ने के सिर पे धरेगा, जिसको कहता मेरे।
कुनबे खातिर पिटता डोलै, बोले झूठ घनेरे।।


बूढा होके शक्ल बिगड़जा, काल लगावै फेरे।
गुरू का शब्द सत्य नहीं माना, समझै ऊत लुटेरे।।

महल हवेली सभी छूटजा, हों मरघट में डेरे।
कह कबीर सुनो भई साधो, जगह चौरासी में गेरे।।
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