इसे संत के न्यूए मिलै सै जो आके आप चितावै सै ,
सतगुरु के दरसन करने से बनजा सारे काम हे
जब मुख से वे बनी बोले अमृत की धार बहाव से …….
सत्संग सुनकर पर्सन होकर ओसदी नाम की मांग लिए
लेके ओसदी नाम रटा कर इसमें कल्याण बतावै सै ………..
जप-तप,यग,तीर्थ और पूजा घट अन्दर बतलाव सै
घट के अन्दर सतगुरु बठे सूली की सुल बनाव सै ………..
काम क्रोद भी दूर भाग जा ,तरसना भी मिट जावै सै
थारे धोरे के लेव से कुछ देकर घरा खंदावे से………
“संत कवर” हे वक़त के सतगुरु शब्द जहाज में बिठाव सै
आप बने पायलेट जहाज के मुक्ति धाम पहुचावै से…………
कलयुग के पहेरे में आकर जीवो के फंद छुटाव
भतेरा सो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग -२ !
पहले तो माता की गर्भ मै सोया तू नो माह !
जाग्या नहीं जगाने वाला था वो तेरे पास
जन्म तेरे हो लिया रे जन्म तेरा हो लिया रे !
अब तो जाग मुसाफिर जाग !
भतेरा सो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग !!
फिर सोया माता की गोद मै तन रहया ना होस !
लोरी दे दे तन सुलाव माता का क्या दोस !
माया न मोह लिया रे माया न मोह लिया रे !
अब तो जाग मुसाफिर जाग !
भतेरा सो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग !!
फिर सोया त्रिया की सेज पैर गले मे बैया डाल !
यही वकत था जागन का तू जाग्या नहीं गवार !
जन्म तैने खो लिया रे जन्म तैने खो लिया रे !
अब तो जाग मुसाफिर जाग !
भतेरा सो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग !!
एक जगह बाकी रही तू सभी जगह लिया सोय !
कहे कबीर तैने सोने मे सारी उमर दई खोय !
यो काटा बो लिया रे यो काटा बो लिया रे !
अब तो जाग मुसाफिर जाग !
भतेरा सो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग !!
Kar do mera Bedha Par
Mere Dil Se Nikle Yahi Pukar
Kar do mera Bedha Pae
Tan Man Tum Par Vaar Chukka Hoon
Maan Ka aab yahi hai kehana
Tumhare charon mein hai rehna
Phir Bhi Lagte Duniya se Vakre ( Alag)
Duniya mein ho sab se nayre
Satguru ki ho ankhon ke taare
Maathe par hai tej itna
Suraj ko padhe hai chipna
main raha pukaar pukaar
kar do mera bedha par
Radha Swami naam hai shakti anoothi
Naam ki mahima tumne sunai
Jag- Jeevan ko diya Sajai
pal mein sab dukh kar dete door
main raha pukaar pukaar
mere pyare guru daatar
kar do mera bedha par
mein raha pukaar- pukaar
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू|
बालक होके रोवण लगगया माता बन पुचकारे तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
होए मगन मस्ती कर डोलै महावत बनकर बैठा तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
होए झगड़ालू झगड़ा लाग्या फोजदार फोजा में तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
चोरी करके बाजै चोरटे खोज करन में खोजी तू|
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू|
कहें”कबीर” सुनो भाई साधो उल्ट खोज कर पाया तू |
कैसा खेल रचाया मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू |
राधा स्वामी दयाल की दया राधा स्वामी सहाय|
सतगुरु मेरे मेरी कलम हाथ मै तेरे मेरे सोने सोने लेख लिख दो !
दाता मेरे मेरी कलम हाथ मै तेरे मेरे सोने सोने लेख लिख दो !
मै सत्संग सुनती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ -२ !!
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम……….
मै सेवा करती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ – २
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम ……….
मै सुमिरन करती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ – २
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम………. .
मै दर्शन करती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ – २
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम……….
मै नूर निरखती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ – २
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम……….
झंकार सुनती जाऊ मै दिल मे ना घबराऊ – २
मेरे सोने सोने लेख लिख दो सतगुरु मेरे मेरी कलम……….
मै सरन पड़ी हु थारे मेरी भव से नैया पार कर दो
सतगुरु मेरे मेरी कलम हाथ मै तेरे मेरे सोने सोने लेख लिख दो !
दाता मेरे मेरी कलम हाथ मै तेरे मेरे सोने सोने लेख लिख दो !
ऐसी रे दुनिया हुई रे दीवानी भक्ति भावः नहीं सूझ जी !
ऐसी रे दुनिया हुई रे दीवानी भक्ति भावः नहीं सूझ जी !!
कोए तो आव बेटा मांग !
उनको गुसाई दीजे जी !
कोए तो आव दुःख का मारा हम पैर कृपा कीजे जी !!
ऐसी रे दुनिया हुई रे दीवानी भक्ति भावः नहीं सूझ जी !
कोए तो आव दोलत मांग !
भेट रूपया दीजे जी !
कोई कराव बैया सगाई सुनत गुसाई रीझ जी !
ऐसी रे दुनिया हुई रे दीवानी भक्ति भावः नहीं सूझ जी !!
साची का कोई ग्राहक नाही !
झूठा जगत पसीजे जी !
कहत कबीर सुनो भाई साधो अन्धो का क्या कीजे !
ऐसी रे दुनिया हुई रे दीवानी भक्ति भावः नहीं सूझ जी !!
राधा स्वामी राधा स्वामी दयाल की दया राधा स्वामी सहाय,,,,,,,,,,,,,,,
मेरे दाता मेरे सर पे तेरी दया का हाथ हो ,
तू हे दानी दीन बंधू जगत का आधार तू ,
मेरे अन्दर में समाजा मेरी सासों सास में,
याद तेरी आती रहे तो भव से बेडा पार हो,
कामना पूरण हो सब की चरणों का परसाद दे,
मेरे दाता मेरे सर पे तेरी दया का हाथ हो ,
तू हे दानी दीन बंधू जगत का आधार तू |
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया !
बोलता नजर नहीं आया बोलता नजर नहीं आया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया !!
जब मेरा मनवा हुआ दीवाना जब मेरा मनवा हुआ दीवाना -2 !
तोड़ तोड़ फल खाया माहर साधो तोड़ तोड़ फल खाया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया -2 !!
जब मेरा मनवा हुआ दीवाना जब मेरा मनवा हुआ दीवाना – 2!
कूद कूद कर नहाया महार साधो कूद कूद कर नहाया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया -2 !
जब मेरा मनवा हुआ दीवाना जब मेरा मनवा हुआ दीवाना -2 !
राकशस मार गिराया माहर साधो राकशस मार गिराया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया -2 !
कहत कबीर सुनो भाई साधो भेद कछु नहीं पाया माहर साधो भेद कछु नहीं पाया !!
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया !
बोलता नजर नहीं आया बोलता नजर नहीं आया !
बोलता नजर नहीं आया माहर साधो बोलता नजर नहीं आया !!
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे……….
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
गुण गाऊ में शाम सवेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
तुमने काटे कष्ट घनेरे ,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरे पार लगा दो गेडे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
काटो काल जाल के घेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मैने मिलगे दिनोद के डेरे ,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,सतगुरु कवर साहेब जी मेरे|
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !!2!!
देख देख जीवां नी मै वारी वारी जावां !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !
पाप धर्म नु पलडे विच तोलदे !!2!!
जदों करदे वे प्यार नी मै कमली हो जावां !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !!2!!
देवता भी खड़े ऊते फूल बरसानदे !!2!!
सभी ऊते खड़े खड़े खिड़ खिड़ जावां !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !!2!!
कागा भी खड़े उते हंस बनजांदे !!2!!
मै भी उते खड़ी खड़ी बाग़ बाग़ होवां !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !!2!!
दास कवर भी है बड़े अविनासी !!2!!
चरणा में इनके हम भी शीस नवावा !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !!2!!
देख देख जीवां नी मै वारी वारी जावां !
सतगुरु प्यारे नी मै देख देख जीवां !
साधो भाग न पलटा खाया
सात जुलाई साल सतहतर, सतगुरु सरणी आया !!टेक!!
चार साल की उम्र हुई तब, पिता का उठ गया साया !!1!!
गोती नाती और संगाती, कोय नहीं था सहाया !!2!!
कर कर काम पले थी हमको, सुख गई थी काया !!3!!
कभी हंसके कभी रोके रहे, न्यू ए टेम टपाया !!4!!
रहे अटल सदा धरम पर, सोचा ढलती फिरती छाया !!5!!
सबकी सुनते कुछ नहीं कहते, अपना मन समझाया !!6!!
पिछली बाते भूल गया तो, करने लगा मन चाहा !!7!!
सभी समझाव बुरी बताव, माना ना समझया !!8!!
ज्ञान ध्यान को मै क्या जानू, कहता क्या पाखंड रचाया !!9!!
चाय का प्याला लगा होटों से दिया हाथ मै थमाया !!10!!
कुरडी से महल अरंड से चन्दन, काग से हंस बनाया !!11!!
जितना प्यार मिला यहाँ, कभी सपने भी ना पाया !!12!!
‘कवर’ अर्ज करे सतगुरु रखियो, चरण कवँल की छाया !!13!!
साधो सतगुरु दर्शन कर लो !
सिर सांटे जो सतगुरु मिलज्या, तो भी जानो सरलो !!टेक!!
साधो सतगुरु दर्शन कर लो !
लाड प्यार जो करे तुमसे, आनंद कोठा भरलो !!१!!
साधो सतगुरु दर्शन कर लो !
जब तक इससे प्रेम नहीं, तो कैसे दरस उरलो !!२!!
साधो सतगुरु दर्शन कर लो !
काल जाल से तभी बचोगे, मरने से पहले मरलो !!३!!
साधो सतगुरु दर्शन कर लो !
सूरत शब्द का साधन करके भवसागर से तरलो !!४!!
साधो सतगुरु दर्शन कर लो !
चल सतगुरु के धाम हेली, तजदे सारे काम हे |
लेके उनसे नाम करो, तुम भजन सुबह और श्याम हे ||
नाम बिना कैसे घर जावे, सबसे बड़ा है नाम हे ||
लेके उनसे नाम करो, तुम भजन सुबह और श्याम हे ||
नाम बिना नुगरा कहलावे, भोगे कास्ट तमाम हे ||
लेके उनसे नाम करो, तुम भजन सुबह और श्याम हे ||
चोरसे में रहे भरमावे, भोगे चारो खान हे ||
लेके उनसे नाम करो, तुम भजन सुबह और श्याम हे ||
भूल भ्रम का फाड़ दे बुरका, करो सुमरन आठों याम हे ||
लेके उनसे नाम करो, तुम भजन सुबह और श्याम हे ||
कँवर इर्षा करके दूरे, उनको करो सलाम हे ||
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की !
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की !
आवन की मन भावन की – 2 !
कोई कहियो माहर दाता न आवन की !
कोई कहियो माहर मालिक न आवन की !
बान पड़ी ललचावन की – 2 !!
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की – 2 !!
पंख नहीं उड़जावन की – 2 !
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की – 2 !!
नदिया बहे जैसे सावन की – 2 !
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की -2 !!
शीतल पवन सुहावन की – 2 !
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की -2 !!
चेली भई तेरे पावन की – 2 !
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की -2 !!
कोई कहियो माहर सतगुरु न आवन की !
आवन की मन भावन की – 2 !
कोई कहियो माहर दाता न आवन की !
कोई कहियो माहर मालिक न आवन की !
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(१)शाम-सवेरे मेरी याहे अर्जी,ना आओ तो थारी मर्जी,
मेरा क्या चाले जोर बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(२)मात-पिता का कोई न सहारा,मेरा तो एक आप सहारा
जग के तारण हार, बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(३)डगमग डोल रही मेरी नैया,तुम बिन सतगुरु कोण खवैया
दाता थारे हाथ मेरी डोर,बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(४) डाटू सु दिन डट्टा कोन्या,रत कटे दिन कटता कोन्या
मेरे उठे प्रेम की लहर,बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(५)कोयल मोर प्पहिए बोलै,सुण-२ के मेरा तन-मन डोले,
जसे पतग संग डोर,बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
( ६)पागल कहता सभी जमाना,तुझ पर दिल मेरा हुआ दीवाना ,
जेसे चाँद चकोर,बताओ कब आओगे …..
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(७)लिख परवाना सतगुरु धोरे भेजा,कब कब सी थारे दरसन पावा,न आओ तो प्राण ग्वावा
रो-२ के मचा दू शोर, बताओ कब आओगे…….
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(८)लिख परवाना सतगुरु ने भेजा,बच्चो दिन में रखियो धीर
एक दिन आवागे,बताओ कब आओगे …
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
(९)सतगुरु “ताराचंद “ने दया फरमाई, दास “कवर”जी के दिल में समाई
भजन में लाइयो जोर,बताओ कब आओगे …
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
मेरे प्यारे-२ गुरुदेव बताओ कब आओगे|
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
गुरु ध्यान धरो तुम मन मै गुरु नाम सुमर छीन छीन मै !!
गुरु देव तुम्हारे द्वारे पैर एक प्रेम पुजारी आया है -२ !
जब कृपा हुई तुम्हारी हम पैर दीदार तुम्हारा पाया है -२ !!
यही भेट है इस दीवाने की यही फूल चडाने आया हु -२ !!
गुरु देव तुम्हारे द्वारे पैर एक प्रेम पुजारी आया है -२ !
जब कृपा हुई तुम्हारी हम पैर दीदार तुम्हारा पाया है -२ !!
ये सेवक छोड़ कर सब दुनिया तुमको अपनाने आया है -२ !!
गुरु देव तुम्हारे द्वारे पैर एक प्रेम पुजारी आया है -२ !
जब कृपा हुई तुम्हारी हम पैर दीदार तुम्हारा पाया है -२ !!
हे सतगुरु प्यारे तुम्हारे बिना हर और अँधेरा छाया है -२ !!
गुरु देव तुम्हारे द्वारे पैर एक प्रेम पुजारी आया है -२ !
जब कृपा हुई तुम्हारी हम पैर दीदार तुम्हारा पाया है -२ !!
धड चीर के दास का दिल देखो अंग अंग मै तुम्ही समाये हो -२ !!
गुरु देव तुम्हारे द्वारे पैर एक प्रेम पुजारी आया है -२ !
जब कृपा हुई तुम्हारी हम पैर दीदार तुम्हारा पाया है -२ !!
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की -२ |
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
चरणों मे मुझे बिठा लेंगे -२ |
मेरे सतगुरु गरीब नवाज हो नवाज हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
मेरे सतगुरु राम हो कृषण जी है -२ |
मेरे सतगुरु दाता दयाल हो दयाल हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
मेरे बाबा संत अविनासी -२ |
मेरे सतगुरु तीरथ राज हो राज हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की ||
मेरे सतगुरु बड़े कृपालु है -२ |
तेरे बन जायेंगे सब काम हो काम हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
जब सिर पर गुरु जी का हाथ हो हाथ हो अब मन चिंता काहे की -२ ||
मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||टेक||
लिपटा हूँ जग मोह माया , तुम ही काटो ये जंजाला ||
मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||
तुम ही करना मेरी सहामी , तू ही है मेरा रखवाला ||
मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||
मुझे तुम ही पार लगहि , दो तोड़ भ्रम का ताला ||
मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||
बस और ना अब तड़पाओ , हो गया हू बेहाल ||
मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||
मिलने की विरह करारी , जल्दी से लियो संभाल ||
मेरे सतगुरु दीनदयाल , दर्शन दे करो निहाल |
मेरा तो तूं ही है रखवाला ||
लगा लो मुझको चरणों से , पड़ा हूँ बाट में थ्हारी |टेक|
तपन बेहद है सीने में , जली जाती है देह सारी ||
विकट मंजिल है तेरी दाता , कर्म का बोझ है सिर भारी ||
पड़ा सोया था जन्मो से , जगा धुन्कार सुन प्यारी ||
जगत है खून का प्यासा , छुटू जब हो दया थ्हारी ||
नहीं इस देस फिर आना , चदाओ अगम की सवारी ||
आया मै सरण तुम्हारी बन्धन तो माहरे काटियो हो गुरु जी |टेक|
लेना चाहते हो तो आर्शीवाद लो|
देना चाहते हो तो अभय दान दो|
मारना चाहते हो तो बुरे विचारो को मारो|
करना चाहते हो तो दीन दुखियों की सहायता करो|
छोड़ना चाहते हो तो झूठ बोलना छोडो|
बोलना चाहते हो तो मीठे वचन बोलो|
देखना चाहते हो तो अपने अवगुणों को देखो|
सुनना चाहते हो तो दुखियों की पुकार सुनो|
खुश रहना चाहते हो तो दुसरो को खुश रखो|
मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ |टेक|
मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ
काल जाल से न्यारा करदो , इससे मै घणा डरूं ||
मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ
थारे गुण कदे ना भुलू , पक्का मै बचन भरूँ ||
मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ
इबके बेडा पार लगा दो , नहीं अध् बीच डूब मरू ||
मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ
कह “ताराचन्द” गुरु दया से , भवसागर पार तिरूँ ||
मुझे पर दया करो गुरुदेव , चरण में थारे शीस धरूँ
मै आत्मा परमात्मा मै सत से बिछुड़ गई |
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
मै आत्मा परमात्मा मै सत से बिछुड़ गई |
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
भजन करण को आई थी मै कर करकै कोल करारा |
गर्भ वास मै वकत कटाया वो था सतगुरु प्यारा |
मै उस सतगुरु नै भूल गई मैन कर लिए खसम अठारा |
सतगुरु तो मेरे घट मै बैठा मै तीर्थ नहाने उठ गई ||
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
अंधे गुरु मिले पापन नै भूली राम कहानी |
कर्म धरम मै लगा दई मैने पूजे मंडी मसानी |
वक्त गुरु को ढूंडा कोन्या यूँ रह गई अनजानी |
अन्धो की टकर मै आक् मेरी आंख ज्ञान की फुट गई |
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
घी बुरा सकर चावल की रोज रसोई लाती |
मैंने कदे भी ठाकर बोल्या कोन्या मै निशदिन भोग लगाती |
वा थाली भरी रसोई की मै दे पंडता नै आती |
इन पेट कुटा नै खान की खातर मै धोखा दे कै लुट लई ||
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
देबी भरू हनुमान मैने पूजे गुगा जाटी |
एक दिन आवै काल लेण नै वो कर दे रे रे माटी |
वक्त गुरु बिन टूट कोनी या पाप भरम की टाटी |
सतगुरु जी के नाम बिना मेरी सारी उम्र बीत गई ||
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
धुर दरगाह का कवि बनाया आप सिखाया गाना |
झाडू वाली कंजरी कर गया भर गया भेष जनाना |
छ सो मस्ताना नाम धरा बख्शा नाम खजाना |
सूरत शब्द का रगडा लाग्या मेरी डोर हाथ से छुट गई ||
परम संत से मिलाओ मेरे राम से मिलाओ मेरी आंगल छुट गई ||
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
आवां आवां मुखले तेरा जाना सै कमाल ||
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
इतर फुलेल तेरे रोज लगाऊ नहीं माना उपकार ||
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
उनको छोड़ जावं तू पल मै निहालो ही निराकार ||
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
ब्रह्मानन्द तू ही निकल जाव भव से पार ||
तूं तो उड़ता पंछी रे तेरा कोण कैर इतबार |
लगा लो मुझको चरणों से , पड़ा हूँ बाट में थ्हारी |टेक|
तपन बेहद है सीने में , जली जाती है देह सारी ||
विकट मंजिल है तेरी दाता , कर्म का बोझ है सिर भारी ||
पड़ा सोया था जन्मो से , जगा धुन्कार सुन प्यारी ||
जगत है खून का प्यासा , छुटू जब हो दया थ्हारी ||
नहीं इस देस फिर आना , चदाओ अगम की सवारी ||
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी |
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी |
द्रोपदी की राखी तुमने लाज सरण मै आये सब की बणी ||
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी |
डूबत राखे गणराज सरण मै आये सब की बणी ||
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी |
भकतो की किन्ही प्रतिपाल सरण मै आये सब की बणी ||
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी |
बाँहे पकड़ राखो लाज सरण मै आये सब की बणी |
मेरी भी बणाइयो महाराज सरण मै आये सब की बणी ||