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भगवान से प्रश्न धार्मिक कहानी

भगवान से प्रश्न – Question to God

एक व्यक्ति का दिन बहुत खराब गया. उसने रात को ईश्वर से फ़रियाद की.
व्यक्ति ने कहा,
‘भगवान, ग़ुस्से न हों तो एक प्रश्न पूछूँ ? भगवान ने कहा,
‘पूछ, जो पूछना हो पूछ;….?
व्यक्ति ने कहा,
‘भगवान, आपने आज मेरा पूरा दिन एकदम खराब क्यों किया ?
भगवान हँसे ……
पूछा, पर हुआ क्या ?
व्यक्ति ने कहा,
‘सुबह अलार्म नहीं बजा, मुझे उठने में देरी हो गई……’
भगवान ने कहा, अच्छा फिर…..’
व्यक्ति ने कहा,
देर हो रही थी

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,उस पर स्कूटर बिगड़ गया. मुश्किल से रिक्शा मीली .’
भगवान ने कहा, अच्छा फिर……!’

व्यक्ति ने कहा,
टिफ़िन ले नहीं गया था, वहां केन्टीन बंद थी….एक सेन्डविच पर दिन निकाला, वो भी खराब थी ;
भगवान केवल हँसे…….
व्यक्ति ने फ़रियाद आगे चलाई , ‘मुझे काम का एक महत्व का फ़ोन आया था और फ़ोन बंद हो गया ;
भगवान ने पूछा…..’ अच्छा फिर….’
व्यक्ति ने कहा,
विचार किया कि जल्दी घर जाकर AC चलाकर सो जाऊं , पर घर पहुँचा तो लाईट गई थी .
भगवान…. सब तकलीफें मुझे ही. ऐसा क्यों किया मेरे साथ ?
भगवान ने कहा, ‘ देख , मेरी बात ध्यान से सुन . आज तुझपर कोई आफ़त थी.
मेरे देवदूत को भेजकर मैंने रुकवाई . अलार्म बजे ही नहीं ऐसा किया . स्कूटर से एक्सीडेंट होने का डर था इसलिए स्कूटर बिगाड़ दिया . केन्टीन में खाने से फ़ूड पोइजन हो जाता .

फ़ोन पर बड़ी काम की बात करने वाला आदमी तुझे बड़े घोटाले में फँसा देता . इसलिए फ़ोन बंद कर दिया .
तेरे घर में आज शार्ट सर्किट से आग लगती, तू सोया रहता और तुझे ख़बर ही नहीं पड़ती . इसलिए लाईट बंद कर दी !
मैं हूं न …..,!
मैंने यह सब तुझे बचाने के लिए किया;
व्यक्ति ने कहा,
भगवान मुझसे भूल हो गई . मुझे माफ किजीए . आज के बाद फ़रियाद नहीं करूँगा ;
भगवान ने कहा,
माफी माँगने की ज़रूरत नहीं , परंतु विश्वास रखना कि मैं हूं न….,
मैं जो करूँगा , जो योजना बनाऊँगा वो तेरे अच्छे के लिए ही ।
जीवन में जो कुछ अच्छा – खराब होता है ; उसकी सही असर लम्बे वक़्त के बाद समझ में आती है.
मेरे कोई भी कार्य पर शंका न कर , श्रदा रख .
जीवन का भार अपने ऊपर लेकर घूमने के बदले मेरे कंधों पर रख दे .
मैं हूं न……!
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