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पुष्पांजली (श्री श्याम स्तुति): भक्ति और प्रेम के सुरमई गीत

पुष्पांजली ( श्री श्याम -स्तुति )

हाथ जोड़ वितनी करूँ, सुणज्यो चित्त लगाया। दास आ गयो शरण में, रखियो इसकी लाज॥॥1॥
धन्य ढुंढारो देश है, खाटू नगर सुजान। अनुपम छवि श्री श्याम की, दर्शन से कल्याण।॥2॥
  श्याम श्याम में रटूं, श्याम है जीवन प्राण। श्याम भक्‍त जग में बड़े, उनको करूँ प्रणाम॥3॥
खाटू नगर के बीच में, बण्यो आपका धाम। फाल्गुन शुक्ला मेला भरे, जय जय बाबा श्याम।॥4॥
फाल्गुन शुक्ला द्वादशी, उत्सव भारी होया
बाबा के दरबार से, खाली उमा पति लक्ष्मी पति, सीता पति,  राम । लज्जा सब की राखियो, खाटू के श्री श्याम।6॥
पान, सुपारी, इलाइची, अत्तर सुगन्ध भरपूर। सब भक्‍तन की विनती, दर्शन देवों हजूर।7॥
श्याम नाम का मन्त्र है, राखियो चित्त लगाय। जो याको सुमिरन करें, तो विघ्न सभी टल जायें।8॥
 हाथ जोड़ विनती करूँ, धरुँ चरण में शीश। ज्ञान भक्ति मोहे दीजियो, परम पिता जगदीश।।9॥
“श्याम तो प्रेम से, धरे श्याम को ध्यान “श्याम भक्त” पावे सदा, श्री श्याम कृपा से मान।॥10॥
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