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Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
पी पी मतना बोल, पपिहा रे पी पी मतना बोल।।
पी पी बोल मेरे विरह रे जगावै, दिल है डांवाडोल।।
दिन नहीं चैन, रैन नहीं निद्रा।
किसने कहूँ दिल खोल।।
शीश दिया मनै पीव लिया रे।
इतनै महंगे मोल।।
कथगी कमाली कबीरा थारी बाली।
मेरे उठें कालजे होल।।