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वा दिन की कुछ सुधि कर मनवा-Or make some sense of the day-Kabir Ke Shabd

SANT KABIR (Inspirational Biographies for Children) (Hindi Edition ...
Kabir Ke Shabd 

कबीर के शब्द
वा दिन की कुछ सुधि कर मनवा।

जा दिन ले चल ले चल होइ। ता दिन संग चले ना कोई।
मातपिता बन्धु सुत रोय, माटी के संग दियो समोय।।
सो माटी काटेगी तनवाँ।।

उल्फत नेहा उल्फत नारी, किसकी दीदी किसकी बांदी।
किसका सोना किसकी चान्दी, जा दिन है यम ले बांधी।
तेरा जाए, पर वह बनमां।।

टांडा तुमने लादा भारी, बनज किया पूरा व्यापारी।
जुआ खेला पूंजी हारी, अब चलने की भई है तैयारी।
हित चित अब कुछ लाओ मनवा।।

जो कोई गुरू से नेह लगाए, बहुत भांति सोई सुख पावै।
माटी की काया माटी मिल जाए,कबीर आगे गहराए।
साँचा साहिब के लगजा सँगमां।।
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