नरसिंह जयन्ती
बैशाख मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान नृसिंह के रूप में प्रकट हुये थे। इसलिये यह तिथि एक पर्व के रूप में मनाई जाती है। प्रत्येक नर नारी इस ब्रत को कर सकते हेैं। व्रत करने वाले को दोपहरी में वेदिक मंत्रों का उच्चारण करके स्नान करना चाहिए।
नृसिंह भगवान की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराकर मंडप में स्थापित करना चाहिए और उनका विधिपूर्व पूजन अर्चना किया जाना चाहिए ऐसा ही विधान है। ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान दक्षिणा, वस्त्र आदि देना चाहिए। सूर्यास्त के समय मन्दिर मे जाकर आरती करके ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। इस प्रकार विधि पूर्वक पालन करने से ब्रत करने वाला व्यक्ति लोकिक दुःखों से मुक्त हो जाता है।