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Kabir Ke Shabd |
कबीर के शब्द
नाम लखा दीजो, थारे पायाँ लागूं। भेद बता दीजो।।
जन्म जन्म का सोया म्हारा मनवा जो,
जीवन जोत जगा जाइयो।।
घर में धरी वस्तु सूझत नाहीं जी,
नैनन को टिमर बढ़ा जाइयो।।
नैनन को टिमर बढ़ा जाइयो।।
विष की लहर उठे घट भीतर जी,
अमृत बूंद चुवा जाइयो।।
अमृत बूंद चुवा जाइयो।।
गहरी नदियां नाव पुरानी जी,
खेय के पार लगा जाइयो।।
खेय के पार लगा जाइयो।।
धर्मिदास की हो दाता अर्ज गुंसाई जी,
जीवन को फन्द छुड़ा जाइयो।।
जीवन को फन्द छुड़ा जाइयो।।